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Banana Disease: केले के पत्तों में गलन और पीलापन दिखना है इस रोग का सकेंत, जानें प्रबंधन!

Banana Crop Disease: केले के पौधे रोपण के पहले महीने से लेकर चौथे पांचवें महीने तक सूखने लगते हैं और भारी सड़न होने लगती है, इस घातक जीवाणु रोग का प्रबंधन कैसे करें यह शीर्ष सड़न/व्यापक सड़न रोग हो सकता है?

डॉ एस के सिंह
डॉ एस के सिंह
केले के पत्तों में गलन और पीलापन दिखना है इस रोग का सकेंत (Picture Source - Plantwise Plus)
केले के पत्तों में गलन और पीलापन दिखना है इस रोग का सकेंत (Picture Source - Plantwise Plus)

Banana Farming: देश के अधिकतर किसान पारंपरिक फसलों की खेती से हटकर फलों की खेती करना पंसद कर रहे हैं. ज्यादातार किसान कम समय में अच्छी कमाई के लिए केले की खेती कर रहे हैं और इसमें सफल भी हो रहे हैं. लेकिन केले की खेती करने वाले किसानों के सामने अक्सर कई समस्याएं आती है, जिनमें से केले की फसल में लगे वाले रोग मुख्य वजह है. इनमें से ही एक बैक्टीरियल हेड रोट (head rot) बीमारी है, जो इसकी फसल को बर्बाद कर सकती है. आइये कृषि जागरण की इस पोस्ट में जानें बैक्टीरियल हेड रूट रोग का प्रबंधन कैसे करें?

जानें क्या है बैक्टीरियल हेड रोट?

बैक्टीरियल हेड रोट (head rot) केले और केले की नमी वाले उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होने वाली एक आम बीमारी है, जो इसके फल और केले के पौधों में नरम सड़न पैदा करती है, जो मिट्टी में अत्यधिक नमी का मुख्य कारण है, जिससे केला सड़ जाता है. संक्रमित पौधे आमतौर पर भारी बारिश के बाद खराब जल निकासी वाली मिट्टी में अधिक देखे जाते हैं. रोग आजकल यूटैक एनरिचमेंट द्वारा तैयार पौधों को पहले और दूसरे सख्त करने के लिए ग्रीनहाउस में स्थानांतरित किया जाता है. यह रोग केला लगाने के पहले महीने से लेकर चार पांच महीने बाद अधिक देखा जाता है. इसके बाद इस रोग की गंभीरता अपने आप कम हो जाती है.

ये भी पढ़ें: केले की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु, जिससे मिलेगी अच्छी पैदावार

बैक्टीरियल हेड रोट या प्रकंद गुलन रोग का प्रबंधन कैसे करें?

ग्रीन हाउस में रोग का प्रबंधन कैसे करें?

इस रोग के प्रबंधन के लिए ब्लाइटॉक्स 50@2 ग्राम प्रति लीटर+स्ट्रेप्टोसाइकल@1 ग्राम प्रति 3 लीटर पानी का मिश्रण करें. पौधे की मिट्टी को अच्छी तरह से भिगोएं और इसी मिश्रण का छिड़काव करने से रोग की तीव्रता कम हो जाती है.

केला लगाने के बाद रोग का प्रबंधन कैसे करें?

  • केले की रोपाई के लिए हमेशा स्वस्थ पौधे या पौधे चुनें.
  • स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस @50 ग्राम/लीटर पानी में 1-2 लीटर प्रति पौधा मिलाकर 0th+2+4th+6th महीने में लगाने से रोग का आसानी से प्रबंधन किया जा सकता है. यदि संभव हो तो दो पंक्तियों के बीच सनई उगाएं और रोपण के 5वें महीने में इसे उसी मिट्टी में दबा दें.
  • ब्लीचिंग पाउडर @6 ग्राम/पौधे (रोपण के 0th+1+2+3+3+4th महीने में उपयोग करें).
English Summary: banana leaves melting and yellowing sign of Bacterial Head Rot disease symptoms and management Published on: 06 September 2024, 12:56 IST

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