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मेमाना पालन करके किसान कर सकते है बेहतर कमाई

ब्रायलर मेमना उत्पादन के जरिए मेमने मांस के लिए कम समावधि में अधिक से अधिक वजन के तैयार किए जा सकते है, जिस तरीके से लगभग दो माह में मुर्गी के चूजे 1.5 से 2.0 किलोग्राम तक के ब्राउलर के रूप में तैयार हो जाते है. मेमान उत्पादन में विशेष तकनीक का प्रयोग करके ब्रायलर मेमनें किसी भी उपलब्ध नस्ल की बकरी के मेमनों को तैयार किया जा सकता है. अगर यहां पर मेमनों का उत्पादन किया जाए तो ब्रॉयलर मेमना उत्पादन आकार में बड़े नस्ल वाली बकरियों के मेमनों का 12 माह की उम्र पर औसत वजन 45 किलोग्राम तक और मध्य आकार के नस्ल वाली बकरियों के मेमनों का 35 किलोग्राम वजन करके बेचा जाता है. ब्रायलर मेमना पालन में स्वस्थ दर प्रबंधन करके मेमनों की मृत्युदर को 6 प्रतिशत तक कम कर सकते है. जिससे कम से कम नुकसान से ज्यादा फायदा हो.

किशन
किशन

ब्रायलर मेमना उत्पादन के जरिए मेमने मांस के लिए कम समावधि में अधिक से अधिक वजन के तैयार किए जा सकते है, जिस तरीके से लगभग दो माह में मुर्गी के चूजे 1.5 से 2.0 किलोग्राम तक के ब्राउलर के रूप में तैयार हो जाते है. मेमान उत्पादन में विशेष तकनीक का प्रयोग करके ब्रायलर मेमनें किसी भी उपलब्ध नस्ल की बकरी के मेमनों को तैयार किया जा सकता है. अगर यहां पर मेमनों का उत्पादन किया जाए तो ब्रॉयलर मेमना  उत्पादन आकार में बड़े नस्ल वाली बकरियों के मेमनों का 12 माह की उम्र पर औसत वजन 45 किलोग्राम तक और मध्य आकार के नस्ल वाली बकरियों के मेमनों का 35 किलोग्राम वजन करके बेचा जाता है. ब्रायलर मेमना पालन में स्वस्थ दर प्रबंधन करके मेमनों की मृत्युदर को 6 प्रतिशत तक कम कर सकते है. जिससे कम से कम नुकसान से ज्यादा फायदा हो.

किसान कमा सकते है अधिक लाभ

ब्रायलर मेमना उत्पादन करके किसान अधिक से अधिक लाभ कमा सकते है. शहरों में मेमना उत्पादन करने पर व्यवसायी को भूसा और हरा चारा आदि सभी खरीद कर खिलाना पड़ेगा. गांव में बकरी पालक अपने खेतों में दाना, चारा और भूसा आसानी से पैदा कर सकता है. गांव के पास जंगल और चरागाह में मेमनों को चराकर दाना, चारा, भूसा पर होने वाले खर्च में बचत कर सकता है. ब्रायलर मेमना उत्पादन विधि से शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों, नौजवान, भूमिहीन मजदूरों, छोटे किसानों को न केवल एक अच्छा रोजगार मिल सकता है बल्कि सामान्य बकरीपालन से भी ज्यादा लाभ मिल सकता है.

ब्रायलर मेमने पालन हेतु विशेष बातें

मेमनों को जन्म के तुरंत बाद उनकी नाल को काटकर घाव पर टिन्चर आयोडीन को लगाया जाता है और मेमनों को खीस पिलाई जाती है.

मेमनों के जन्म के समय पर उनका वजन, लिंग, जनन का प्रकार और प्रसव के पहले मां का वजन लिखें.

मेमनों को एक हफ्ते की उम्र, 3 माह की होने पर उनको मां का दूध पिलाना बंद कर दिया जाता है.

तीन माह की उम्र के बाद मेमनो को प्रतिदिन 4 से 6 घंटे चराए

जन्म के बाद भी प्रति माह मेमनों का वजन लिखना चाहिए.

अच्छे मेमनों की खरीद के लिए मथुरा जिले के केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान में संपर्क कर लें.

मेमनों के लिए पहला महीना थोड़ा कठिन होता है इसीलिए शुरू में इनकी ज्यादा देखभाल करना चाहिए

मेमनों के स्वस्थ विकास के लिए पहले पेट के कीड़े मारने की दवा ब्रायलर मेमने को 45वें दिन पर दी जानी चाहिए.

एक महीने के बाद मेमनों को छोटे फीडर में पिसा दाना थोड़ा-थोड़ा हरा चारा देना शुरू कर दें. बाद में मेमने इसे खाना शुरू कर देंगे.

मेमनों के बाड़े के दरवाजे पर नाद में फिनाइल का पानी रख दे. उसके बाड़ें में जाते समय अच्छे से हाथ पैर धोकर जाएं. पानी रोज बदलें

अच्छे लाभ हेतु ऊंचे आकार और मध्यम आकार, छोटे आकार के नस्ल वाली बकरियों के मेमनों का 12 महीने तक औसत उम्र तक वजन करके बेचा जाना चाहिए.

बारह माह की उम्र में ब्राउलर मेमना को बेच देना चहिए. क्योंकि इस उम्र में न केवल मेमने के मांस का स्वाद स्वादिष्ट होता है बल्कि उसमें जरूरत से ज्यादा पोषक तत्व भी होते है. साथ ही बाजर में उनकी कीमत भी अच्छी मिलती है.

English Summary: You can earn better income by placing a broiler lamb Published on: 03 July 2019, 10:41 IST

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