आपने यह तो सुना ही होगा कि दूध उत्पादन में इस नस्ल की भैंस सबसे अधिक दूध देती है, लेकिन क्या यह सुना है कि अब सबसे अधिक दूध देने वाली भैंस जन्म लेगी. जी हां वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित कर ली है, जिसकी मदद से अब नस्लों में सुधार किया जाएगा और साथ ही सबसे अधिक दूध देने वाली भैंस को पैदा किया जाएगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बेहतरीन तकनीक पर देश की कई बड़ी संस्थाएं काम कर रही हैं. इसी के चलते राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI Karnal) ने आईवीएफ क्लोनिंग तकनीक (Cloning Technique) से मुर्रा नस्ल की भैंस के दो क्लोन पैदा कर लिए हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, जल्द ही मध्य प्रदेश पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम भी इस तकनीक को राज्य में लाने पर काम कर रही है. ताकि राज्य में पशुपालन भाई पशुओं के दूध का अधिक उत्पादन प्राप्त कर लाभ प्राप्त कर सकें.
जानें क्या है क्लोनिंग तकनीक ?
क्लोनिंग वह तकनीक है, जो आए दिन पशुओं में आ रही नई-नई मुश्किलों को दूर करने में मदद करता है. बता दें कि क्लोनिंग तकनीक द्वारा पशुओं की नई प्रजाति को जन्म दिया जाता हैं, जो एक दम अपने मूल पशु जैसा ही दिखाई देता है, लेकिन वह साधारण भैंस के मुकाबले कई तरह की बीमारियों से लड़ने में सक्षम और साथ ही यह अधिक मात्रा में दूध देती है.
क्लोनिंग तकनीक से ऐसे तैयार होगा बच्चा
इस तकनीक में पशु की कोशिकाओं को ओवरी केंद्रक की मदद से मिलाया जाता है. ऐसा करने पर उस पशु की कोशिकाओं का भ्रूण 8 वे दिन बनकर अच्छे से तैयार हो जाता है. इसके बाद इसे भैंस के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है. यह ठीक बाकी बच्चों की तरह ही जन्म लेगा और उसी तरह ही इसकी देखभाल करनी होती है.
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