गाय एक शाकाहारी और घरेलू पशु है, जिसका दूध मानव शरीर के लिए बहुत लाभकारी होता है, इसलिए अधिकतर पशुपालक गाय का पालन करते हैं. यह एक ऐसा व्यवसाय है, जिसके माध्यम से पशुपालक अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं. बता दें कि भारत में गाय की कई नस्लें पाई जाती हैं. इनमें साहीवाल गाय (Sahiwal Cow) का नाम भी प्रमुख माना जाता है. बताया जाता है कि यह गाय पाकिस्तान के साहीवाल जिले से उत्पन्न हुई है, इसलिए इसका नाम साहीवाल रखा गया है. मुगल भारत में इस नस्ल की गाय को काफी उपयोगी माना गया है. इस गाय को मुख्यत: उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, बिहार और मध्य प्रदेश में पाया जाता है. इसके अलावा एशिया, अफ्रीका समेत कई देशों में निर्यात किया जाता है, तो आइए आज साहीवाल गाय की विशेषताओं की जानकारी देेते हैं, ताकि आप इस गाय का पालन करके मुनाफ़ा कमा पाएं.
साहीवाल गाय की संरचना
इस गाय का शरीर लंबा और मांसल होता है, साथ ही ढीली चमड़ी, छोटा सिर और छोटे सींग होते हैं. इसकी टांगें छोटी और पूंछ पतली होती है. इसके अलावा शरीर की खाल बहुत चिकनी होती है. अगर रंग की बात करें, तो यह गाय लाल और गहरे भूरा रंग में पाई जाती हैं. है. इस गाय की चमड़ी ढीली होती है, इसलिए इसे लोला गाय भी कहा जाता है.
नर साहीवाल की संरचना
अगर नर साहिवाल की बात करें, तो इनके पीठ पर बड़ा कूबड़ होता है. इसकी ऊंचाई करीब 136 सेमी होती है, तो वहीं मादा साहीवाल की ऊंचाई करीब 120 सेमी के आस-पास होती है. इसके अलावा नर गाय का वजन 450 से 500 किलो का होता है और मादा गाय का वजन 300 से 400 किलो तक का होता है.
साहीवाल गाय का दूध उत्पादन
सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह गाय 10 से 16 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है. यह अपने एक दुग्धकाल के दौरान औसतन 2270 लीटर दूध दे सकती है. इसके दूध में वसा की अच्छी मात्रा पाई जाती है.
साहीवाल गाय की कीमत
पशुपालकों के लिए बहुत अच्छी बात है कि वह साहीवाल गाय को करीब 70 से 75 हजार रुपए में करीद सकते हैं.
अन्य विशेषताएं
-
साहीवाल गाय का शरीर गर्मी, परजीवी और किलनी प्रतिरोधी होता है.
-
इस गाय से दूध की अच्छी मात्रा ले सकते हैं.
-
इस गाय का प्रजनन आसानी से हो सकता है.
-
इसके प्रजनन में 15 महीने का अंतराल होता है.
-
इसका पालन कहीं भी आसानी से कर सकते हैं.
-
यह स्वभाव में अच्छी होती हैं.
-
इनमें गर्मी सहन करने की अच्छी क्षमता होती है.
भले ही साहीवाल गाय विदेशी गाय के मुकाबले कम दूध देती है, लेकिन पशुपालक इस गाय का पालन कम लागत में कर सकते हैं. आज के समय में देसी गाय की संख्या कम हो रही है, ऐसे में वैज्ञानिक ब्रीडिंग के माध्यम से देसी गाय की नस्लों में सुधार कर रहे हैं.
संपर्क सूत्र
अगर पशुपालक इस गाय को खरीदना चाहते हैं, तो हरियाणा के करनाल, अबोहर, हिसार के क्षेत्र से खरीद सकते हैं.
Share your comments