बदलते हुए वक्त के साथ कृषि का तेजी से मशीनीकरण हुआ है, जिसके फलस्वरूप खेतों में बैलों का प्रयोग लगभग ना के बराबर रह गया है. इस बात को स्वीकार करने में कोई दो राय नहीं कि आज़ किसान को अधिक लाभ केवल मादा बछड़ों से ही है. शायद इस बात की गंभीरता को हिमाचल सरकार ने भी समझा है और यही कारण है कि पशुधन को बढ़ावा देने के लिए अनोखा कदम उठाया है. दरअसल केंद्र सरकार से स्वीकृती मिलने के बाद प्रदेश में जल्द ही सेक्स सॉर्टिड सीमन फेसिलिटी केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई गयी है. इस योजना को सरकार 47.50 करोड़ रुपये की लागत से शुरू करने जा रही है.
गौरतलब है कि इस योजना के तहत ऐसे इंजेक्शन बनाने की तैयारी है, जिससे देसी नस्ल की गायों के केवल मादा बछड़े ही पैदा होंगे. माना जा रहा है कि इस तरह ना सिर्फ डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा बल्कि सड़कों पर असमान्य बेसहारा पशुओं की समस्या भी कम हो सकेगी. इस बारे में बताते हुए सरकार ने कह कि हमारा लक्ष्य किसान के पशुधन को बढ़ाकर पशुपालकों को लाभान्वित करने का है.
सरकार दे रही है पशुपालन के लिए सब्सिडीः
बता दें कि पशुपालन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार किसानों को सब्सिडी दे रही है. पशुपालन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 6 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत बीपीएल किसानों को 85 फीसद और अन्य किसानों को 60 फीसद सब्सिडी पर बकरियां उपलब्ध करवाई जा रही हैं.
बता दें कि मशीनीकरण के कारण सड़कों पर बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या पर सरकार लंबें समय से परेशान है. इन पशुओं के कारण लोगों को जहां एक तरफ जान का खतरा बना रहता है, वहीं किसी बड़े हादसे की भी आशंका बनी रहती है.
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