Animal Fodder: मुर्गी पालन एक मुनाफे का सौदा. पिछले कुछ सालों में लोगों का रूझान इस ओर तेजी से बढ़ा है. मुर्गी पालन में अच्छा प्रॉफिट देख ग्रामीण क्षेत्रों में भी ये लोकप्रिय हो रहा है. किसान खेती को छोड़ मुर्गी पालन कर रहे हैं. हालांकि, मुर्गी पालन के दौरान मुर्गियों के लिए चारा उपलब्ध करना अपने आप में एक चुनौती है. क्योंकि, चारा दिन प्रति दिन महंगा होता जा रहा है. वहीं, चारा उगाने की सही जानकारी न होने के चलते किसान इसे घर पर नहीं उगा पाते है. ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बताएंगे, जिसकी खेती से चारे की टेंशन भी खत्म हो जाएगी और आपका प्रॉफिट भी डबल हो जाएगा.
हम बात कर रहे हैं मोरिंगा/Drumstick की. अगर आप भी मोरिंगा और मुर्गी पालन का कनेक्शन जान लेंगे, तो तुरंत इसकी खेती शुरू कर देंगे. जहां, एक ओर मोरिंगा की पत्तियों को आप चारे के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं, मोरिंगा को बेचकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. इस हिसाब से आप मुर्गी पालन और मोरिंगा की खेती से डबल प्रॉफिट कमा सकते हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
मोरिंगा की विशेषताएं
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मोरिंगा के बीज के अर्क में रोगाणुरोधी गुण लिपोफिलिक यौगिकों के कारण होते हैं. ये यौगिक साइटोप्लाज्मिक झिल्ली से जुड़कर पोल्ट्री में रोगाणुरोधी गतिविधि का प्रदर्शन कर सकते हैं.
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इसके पत्तों और बीजों के अर्क में एंटीबायोटिक मेटाबोलाइट्स होते हैं. इसमें कार्बोक्जिलिक एसिड 2.4 - डायसिटाइल फ्लोरोग्लुसीनॉल, और सेल वॉल-डिग्रेडिंग एंजाइम तथा चिटिनास आदि विशेषताएं पाई जाती हैं.
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मोरिंगा के लीफ एक्स्ट्रेक्ट और फल में ज्यादातर एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाए जाते हैं. ये चीज ब्रॉयलर चिकन के स्वास्थ्य की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.
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एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव मोरिंगा के पत्तों में पॉलीफेनोल्स, टैनिन एंथोसायनिन, ग्लाइकोसाइड्स और थायोकार्बामेट्स की उपस्थिति के कारण होता है. ये मुक्त कणों को हटाते हैं, एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम को सक्रिय करते हैं और ऑक्सीडाइज को रोकते हैं.
मुर्गी पालन में मोरिंगा का महत्त्व
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मुर्गियों में मांस की गुणवत्ता में सुधार के लिए आहार में हेरफेर एक महत्वपूर्ण तरीका है.
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ब्रॉयलर, मुर्गियों से प्राप्त मांस प्रोटीन, विटामिन, खनिज और कम वसा का एक उत्कृष्ट स्रोत है. इसने उपभोक्ताओं के बीच एक बड़ी मांग पैदा कर दी.
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मोरिंगा लीफ मील को मुर्गियों के आहार में शामिल करने से पोल्ट्री के मांस के फैटी एसिड प्रोफाइल में सुधार होता है.
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मोरिंगा लीफ मील टिबिया की हड्डी की विशेषताओं पर कोई प्रभाव नहीं डालता है। यह शरीर के वजन और आहार खपत अनुपात में सुधार कर सकता है.
मुर्गी पालन में मोरिंगा से होने वाले स्वास्थ्य लाभ
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मोरिंगा लीफ मील मुर्गियों में शुगर लेवल को संतुलित करता है और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है.
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पोल्ट्री में किडनी और लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार होता है.
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यह स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है। मोरिंगा ओलीफेरा लीफ मील पोल्ट्री में जहर से शरीर को डिटॉक्सीफाई करता.
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पोल्ट्री पक्षियों में संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए इसकी पत्तियों का रस निकालकर मौखिक रूप से दिया जा सकता है.
अंडा पैदा करने वाली मुर्गी हेतु महत्व
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इससे पोल्ट्री में अंडे के उत्पादन, वजन और चारे के सेवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. इससे अंडे के छिलके की मोटाई और हॉफ यूनिट में सुधार होता है.
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अंडे की जर्दी में उच्च B-कैरोटीन, क्वेरसेटिन और सेलेनियम में सुधार होता है. अंडे के आकार सूचकांक और इसकी जर्दी सूचकांक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
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मोरिंगा आहार वाली मुर्गी अंडे की जर्दी में उच्च पोषक तत्व और अंडे के सीरम में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है.
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