अगर आप भेड़ पालन कर कुछ कमाई करन चाहते हैं, तो निश्चित रूप से यह आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है. आज के समय में लाखो लोग भेड़ पालन से अच्छी आजीविका कमा रहे हैं. वैसे आप दूध के लिए लोही प्रजाति के भेड़ों को भी पाल सकते हैं. भेड़ की इस प्रजाति को प्रकन्नी के नाम से भी जाना जाता है. चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं.
मूल निवास (Original Residence)
इसके मूल निवास को लेकर विशेषज्ञों में मतभेद है. हालांकि अधिकतर विशेषज्ञों का यही मानना है कि इस नस्ल का जन्म आज के पश्चिमी पाकिस्तान के लायलपुर और मिंटगुमरी जिलों में हुआ होगा. इसकी सबसे अधिक मांग मांस उत्पादन एवं ऊन के लिए है. इसकी ऊन लम्बी और मोटी होती है, जिसकी बाजार में खास मांग है.
दूध उत्पादन (Milk Production)
इस नस्ल की भेड़ी दूध देने के लिए भी जानी जाती है. यह प्रतिदिन 1.2 लीटर तक दूध दे सकती है. इसके दूध में कई तरह के पोषक तत्व पाए जातें हैं. बता दें कि नर भेड़ का भार 65 किलो तक हो सकता है, जबकि मादा 45 किलो तक की हो सकती है.
भोजन (Food)
इस नस्ल की भेड़ों को अधिकतर चरना ही पसंद है. भोजन के रूप में इन्हें फलीदार पत्ते, फूल आदि प्रिय हैं. इसी तरह लोबिया, बरसीम या फलियां भी इन्हें भोजन के रूप में दिया जा सकता है. इस नस्ल की भेड़ों के विकास के लिए इन्हें औसत 6 से 7 घंटे तक मैदान में रखना चाहिए, जहां ये हरी घास और सूखे चारे चर सकें.
गाभिन भेड़ों की देखभाल (Pregnant Sheep Care )
गाभिन भेड़ों की फ़ीड एवं देखभाल अच्छे से होनी चाहिए. ठंड के मौसम में प्रसव से एक सप्ताह पहले ही इन्हें स्वच्छ और अलग कमरे में रखना चाहिए. गर्भावस्था के अंतिम चरणों में फीड की मात्रा बढ़ा देना फायदेमंद है.
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