आज के दौर में किसान खेतीबाड़ी के साथ-साथ पशुपालन की ओर भी रुचि दिखा रहे हैं, जिससे वह अपनी आमदनी को दोगुना कर सकते हैं. वैसे इस प्रयास में केंद्र और राज्य सरकारें भी उनका पूरा साथ दे रही हैं. इसके लिए कई बड़ी सरकारी योजनाएं चलाई गई हैं ताकि पशुपालन को भी बढ़ावा दिया जा सके. इसी कड़ी में पशुपालकों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी होती है कि दुधारू पशुओं को बीमारी से कैसे बचाया जाए? अगर पशुओं को कोई गंभीर रोग हो जाता है, तो उनका इलाज समय पर नहीं हो पाता है. यह समस्या अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा होती है. इससे पशुपालकों को काफी नुकसान होता है. अब अच्छी खबर यह है कि पशुपालकों को जल्द ही इस समस्या से घर बैठे छुटकारा मिल जाएगा.
क्या है मोबाइल डिस्पेंसरी
दरअसल, हरियाणा सरकार पशुपालकों की ओर ध्यान दे रही है. इसके चलते दुधारू पशुओं के इलाज के लिए मोबाइल डिस्पेंसरी की शुरुआत की जा रही है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अगर राज्य में पशुपालक के दुधारू पशुओं को कोई गंभीर रोग होता है, तो उनका इलाज घर बैठे किया जाएगा. इस मोबाइल डिस्पेंसरी को पशु संजीवनी सेवा का नाम दिया गया है.
डेयरी फार्मिंग बनेगा बड़ा व्यसाय
हरियाणा सरकार का प्रयास है कि डेयरी फार्मिंग को एक बड़ा व्यवसाय बनाया जाए. इसके लिए लगातार कृषि और पशुपालन को बढ़ावा दिया रहा है. सीएम का मानना है कि अगर राज्य के किसान कृषि के साथ पशुपालन की तरफ भी ज्यादा देंगे, तो उनकी आमदनी दोगुनी हो पाएगी. बता दें कि मोदी सरकार ने साल 2022 तक देश के किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य बनाया है. इसके तहत सभी राज्य की सरकारें लगातार अपने प्रयासों में जुटी हैं ताकि देश और प्रदेश, दोनों की उन्नति हो पाए. सरकार का मानना है कि अगर ब्राजील जैसा देश हमारी ही गायों की नस्लों को सुधार कर उनसे करीब 70-80 किलो रोजाना दूध प्राप्त कर सकता हैं, तो हम क्यों नहीं कर सकते हैं.
200 रुपये में दिया जाएगा सीमन
आपको बता दें कि हरियाणा में ब्राजील से दुधारू पशु लाए जाएंगे. इसके बाद पशु गर्भधान की नई तकनीक सैक्स सोर्टिड सीमन से करीब 80-90 प्रतिशत बछड़ीया पैदा होंगी. बता दें कि राज्य में इससे पहले इसका सफल प्रयोग किया जा चुका है. पहले इस सीमन की कीमत करीब 800 रुपए प्रति गर्भाधान रखी गई थी. अब पशुपालकों के हित के लिए इसकी कीमत करीब 200 रूपए रखी गई है, जो देश में सबसे कम मानी जाती है.
पशुपालक क्रेडिट कार्ड उपलब्ध
किसानों और पशुपालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसके तहत पशुपालक क्रेडिट कार्ड बन रहे हैं. इस कार्ड द्वारा पशुपालक 4 प्रतिशत ब्याज पर 3 लाख रुपए तक की लोन ले सकते हैं.
करीब 10 लाख पशुओं का हुआ बीमा
जानकारी मिली है कि इस साल अभी तक पशु बीमा योजना के तहत करीब 2 लाख 48 हजार पशुओं का बीमा हो चुका है. देखा जाए, तो यह एक रिकार्ड है. राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अगले साल तक करीब 10 लाख पशुओं का बीमा हो पाए. इस तरह किसानों को काफी राहत मिलेगी. इसके साथ ही अगर किसी पशु की मृत्यु हो जाती है, तो पशुपालक बीमा राशि से नया पशु खरीद पाएगा. इस तरह पशुपालक को व्यवसाय में नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.
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