वैसे तो हर राज्य में गाय की कई नस्लों का पालन (Cattle Farming) किया जाता है. गाय की हर नस्ल जलवायु के आधार पर विकास करती है. अगर एक उन्नत नस्ल वाली गाय का पालन किया जाए, तो इससे पशुपालक और किसान बहुत अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं.
आज के समय में गाय की कई नई नस्लें विकसित हो गई हैं, लेकिन अभी भी कुछ नस्लें हैं, जिनसे राज्य की पहचान होती है. ऐसी ही एक नस्ल है हल्लीकर गाय. इस नस्ल को काफी अच्छा माना जाता है, तो आइए आज आपको गाय की हल्लीकर (Hallikar Cow) नस्ल की जानकारी देते हैं.
कहां पाई जाती है हल्लीकर गाय (Where is Halikar Cow found?)
हल्लीकर गाय एक मजबूत शरीर वाली नस्ल है, जो कि कर्नाटक के मैसूर, मंडाया, बैगलौर, कोलार, तुमकुर, हासन एवं चित्रदुर्ग जिलों में पाई जाती है. यह दक्षिणी भारतीय नस्लों में सर्वोतम नस्ल है. इस नस्ल के बैल विशेष रूप से उपयोगी माने जाता हैं, जो कि खेती के लगभग सभी क्रिया-कलापों में उपयोगी रहते हैं. इसके अलावा पानी के भराव वाले क्षेत्रों में भी अच्छी तरह कार्यशील रहते हैं.
हल्लीकर गाय की बनावट (Soft cow texture)
इस नस्ल की गाय का रंग भूरा या गहरा भूरा होता है. यह नस्ल मध्यम आकार की होती हैं और मांसल सी प्रतीत होती है. इसका मस्तक वाला भाग उनन्त होता है, तो वहीं चेहरा लंबा व नाक की ओर झुकाव वाला होता है. नाक काले या भूरे रंग की होती है. सींग लंबे व सिरों पर एक दूसरे की ओर मुड़े हुए रहते हैं. इनका झुकाव पीछे की ओर रहता है. आंखे छोटी होती है. कान छोटे व झुकावदार होते हैं. गले की झालर छोटी व कम लटकाव वाली होती है. इसके अलावा पूंछ लंबी काले सिर वाली होती है और पिछले पैरों के जोड़ से नीचे तक लटकी रहती है.
हल्लीकर गाय से दुग्ध उत्पादन (Milk production from Hallikar cow)
पहला ब्यांत का समय औंसतन 1370 दिन का होता है. इस नस्ल से दुग्ध उत्पादन 200 से 1100 किग्रा तक होता है. इसके दुग्ध में वसा लगभग 5.7 प्रतिशत है.
यहां मिल सकती है हल्लीकर गाय (Here you can find the Halikar cow)
अगर किसी को हल्लीकर गाय खरीदना है, तो वह राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट https://www.nddb.coop/hi पर जाकर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा आप अपने राज्य के डेयरी फार्म में संपर्क कर सकते हैं.
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