पशुपालकों के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, बिहार सरकार ने राज्य में दूध का कारोबार बढ़ाने और पशुपालकों की आय में वृद्धि के लिए एक बेहतरीन तकनीक पर काम करना शुरू कर दिया है. बता दें कि बिहार सरकार जिस तकनीक पर काम कर रही है, उसकी मदद से उच्च क्षमता वाले दुधारू गाय की नस्ल तैयार होगी. इन नस्लों के पालन से पशुपालक कम लागत में अच्छी कमाई कर सकते हैं. वही, इस तकनीक की मदद से सिर्फ ढाई सौ रुपये के खर्च में हर बार गाय बछिया का ही जन्म होगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस तकनीक पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर काम करना शुरू किया है. ताकि पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी हो सके और गाय की विलुप्त नस्लों को बचाया जा सके.
गाय से बछिया पैदा करने की शुक्राणु छंटाई तकनीक
बिहार सरकार शुक्राणु छंटाई तकनीक पर काम कर रही है, जिससे दुधारू नस्ल की गायों का जन्म हो सके. शुक्राणु छंटाई तकनीक से हर बार गाय बछिया का ही जन्म होगा. वो भी सिर्फ ढाई सौ रुपये के खर्च में यह कार्य पूरा होगा. गायों की इन नस्लों से पशुपालक अत्यधिक दूध का उत्पादन सरलता से कर सकते हैं.
गायों की दुधारू नस्ल ऐसे होगी तैयार
मीडिया रिपोर्ट्स के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक,गायों की दुधारू नस्लों को तैयार करने के लिए पर्याप्त मात्रा में सीमन भी जिला पशुपालन विभाग में उपलब्ध करवाया जा चुका है. इस संदर्भ में जिला पशुपालन पदाधिकारी का कहना है कि सांड के सीमन के जरिए पशुओं को कृत्रिम गर्भाधान निषेचित किया जाएगा. यह तकनीक कुछ इस तरह से काम करती है कि गाय से सिर्फ और सिर्फ दुधारू नस्ल की बछिया ही पैदा होगी, जो पशुपालकों की आय तो बढ़ाएगी ही साथ ही दूध उत्पादन में भी काफी हद तक मदद करेगी.
बछिया न पैदा होने पर मिलेंगे पैसे वापस
राज्य की जिस भी गाय पर शुक्राणु छंटाई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, उससे सीमन अधिकतम दो बार ही दिया जाएगा. अगर किसी कारणवश से किसी भी गाय से बाछी का जन्म नहीं होता है, तो ऐसी स्थिति में जिला पशुपालन विभाग से किसान व पशुपालक की राशि वापस कर दी जाएगी.
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