मछली पालन करने वाले लोगों के लिए यह लेख बहुत ख़ास है. बता दें कि आज हम अपने इस लेख में मछली पालन करने वाले लोगों को मछली पालन की नयी और ख़ास तकनीक के बारे में बताने जा रहे है. इस तकनीक का इस्तेमाल कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं
दरअसल, हम बात कर रहे हैं बायोफ्लॉक तकनीक की. आइये जानते हैं इस तकनीक की खासियत के बारे में-
क्या है बायोफ्लॉक तकनीक (what is Biofloc Technology)
बायोफ्लॉक तकनीक एक ख़ास तरह की वैज्ञानिक तकनीक है, जिसमें बिना तालाब की खुदाई के टैंक में ही मछली पालन किया जाता है. बता दें कि इस तकनीक से मछली पालक मछलियों को पालने के अपने खेत या फिर अपने घर में ही 250 स्क्वायर फीट के सीमेंट का टैंक बनाकर मछली पालन कर सकते हैं. अगर आप मछली पालन को व्यवसाय के रूप में करना चाहते हैं और आपके पास जगह कम है, तो बायोफ्लॉक विधि से मछली पालन कर सकते हैं.
बायोफ्लॉक तकनीक में कितना खर्च आता है (How much does biofloc technology cost)
इस बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन करने में 28 से 30 हजार रूपए का खर्च आता है. यदि आप बड़े पैमाने पर मछली पालन करना चाहते हैं, तो आपको इसमें ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है. बता दें इस तकनीक में खर्च टैंक के आकार पर निर्भर करता है. यदि आप छोटे स्तर पर मछली पालन करना चाहते हैं, तो आपका खर्च कम आयेगा और यदि बड़े पैमाने पर करते हैं, तो आपका खर्च थोड़ा ज्यादा आयेगा.
किसान बायोफ्लॉक तकनीक से करें मत्स्य पालन
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के 8 किसान बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. बता दें इस तकनीक में पानी का कम खर्च आता है साथ ही यह कम जगह में आसानी से किया जा सकता है. इस तकनीक को इंडोनेशिया की टेक्नोलॉजी के नाम से भी जाना जाता है.
किसानों को होगा अधिक लाभ (Farmers will get more profit)
• इस तकनीक से किसानों को बहुत लाभ मिल सकता है.
• इस तकनीक में कम जगह में ही मछली पालन किया जा सकता है.
• इस तकनीक में ज्यादा पानी की जरुरत नहीं पड़ती.
• इस तकनीक में मछलियों का ज्यादा उत्पादन होता है.
• इस तकनीक से मछलियों का स्वस्थ्य भी अच्छा रहता है.
मत्स्य पलक इस तकनीक से मछली पालन आसानी से कर सकते हैं. इस तकनीक से अधिक लाभ भी वह अधिक लाभ कमा सकते हैं. ऐसे ही नयी - नयी तकनीक से जुडी सभी अन्य खबरें जानने के लिए जुड़े रहिये कृषि जागरण हिंदी पोर्टल से.
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