Fish Farmers: आज के दौर में देश के किसान खेती-किसानी के साथ-साथ मछली पालन कर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं. अगर आप भी सर्दी के मौसम में मछली पालन करने का विचार कर रहे हैं, तो आपको ठंड के दिनों में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए. ताकि आपको कड़ाके की सर्दी में भी मछली पालन से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके. दरअसल, सर्दी के मौसम में मत्स्य पालकों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. अगर इस दौरान मछलियों की देखरेख/ Care of Fishes में थोड़ी भी चूक हो जाती है, तो मछलियों की मौत हो सकती है.
ठंड के दिनों में मछलियां काफी हद तक सुस्त हो जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि सर्दियों के मौसम में मछली पालकों को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
तालाबों के लिए बेहतर प्रबंधन
आमतौर पर देखा गया है कि सर्दी के मौसम में मछलियां काफी सुस्त रहती है. इसलिए कारण से मछलियों को ठंड के दिनों में कम मात्रा में ही भोजन देना चाहिए. सर्दियों के मौसम में मछलियों को ठंड से बचाने के लिए तालाब में 15 किग्रा चूना, 15 किग्रा सिंगल सुपर फॉस्फेट, 5 किग्रा मिनरल मिक्चर और 50 किग्रा सरसों या राई की खल्ली घोलकर डाल दें. लेकिन ध्यान रहे कि यह प्रक्रिया आपको प्रति एकड़ 10 से 15 दिनों के अंतराल पर करें. वहीं, कोहरा व तापमान अधिक नीचे गिरने पर तालाब में मछलियों के लिए आहार, चूना, खाद, गोबर, दवा आदि देना बंद कर दें. सर्दियों में मछलियों को उचित आहार प्रदान करें, जिसमें प्रोटीन, विटामिन और खनिज हो. इसके अलावा मछलियों के लिए उचित जल सुरक्षा सुनिश्चित करें. क्योंकि ठंडे तापमान में मछलियां अच्छे स्वास्थ्य का अनुरूप पलती हैं. सर्दी के मौसम में मछलियों को पॉरासाइटिक संक्रमण और फफूंद से होने वाली संक्रमण से भी बचाना चाहिए. इसके लिए आपको तालाब में 40-50 किग्रा प्रति एकड़ की दर से नमक का घोल डालना चाहिए.
फसल के साथ में मछली पालन
यह विधि बहुत ही ज्यादा कठिन और सतर्कता रखने वाली होती है. इसमें आप फसलों के साथ मछली पालन भी कर सकते हैं. जिन फसलों को पानी की ज्यादा आवश्यकता होती है इनका पालन उन्ही फसलों के साथ सरलता से किया जाता है.
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इसके लिए आपको फसलों की मेढ़ के बीच में पानी भर देना होता है, जिसमें मछली पालन की पूरी प्रक्रिया होती है. इसमें आपको मछलियों के अलग से दाने की जरूरत नहीं होती है.
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