ग्रामीण इलाकों के किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए अब मछली पालन का भी सहारा ले रहे हैं. ताकि वह कम समय में अच्छी इनकम कर सकें, लेकिन बढ़ती ठंड के चलते उन्हें यह डर भी सता रहा है कि कैसे वह खेती करने के साथ इस बढ़ती ठंड में अपने मछली पालन को सुरक्षित करें वो इसलिए क्योंकि ठंड में मछलियों का विकास रुक जाता है और उनकी भूख भी कम हो जाती है, जिस कारण मछलियों का मृत्यु दर बढ़ जाता है. आगे की कड़ी में जाने मछली पालन करने के जरुरी टिप्स-
तापमान का रखें ख्याल
मत्स्य पालन करने से देश के किसानों को अधिक लाभ हो रहा है, क्योंकि गर्मी, सर्दी दोनों मौसम में किसान मछली पालन कर सकते हैं, लेकिन इसी के चलते किसानों को तालाबों के पानी के टेंपरेचर का खास ख्याल रखना होता है और बढ़ती सर्दी में किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. वो इसलिए ज्यादा ठंड में मछलियों के विकास पर गहरा असर पड़ता है उनको भूख लगनी कम हो जाती है और इसी कारण मछलियों का सर्दी में मृत्यु दर बढ़ जाता है. ऐसे में किसान इन बातों का रखें ख्याल-
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मत्स्य पालन 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में ही करें जिससें मछलियों की ग्रोथ अच्छे से हो और उनके विकास पर कोई असर न पड़े.
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मछलियों को टाइम पर प्रोटीन युक्त आहार ही दें और हो सकें तो प्रोटीन की गोलियां बनाकर तालाबों में डालें.
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इस प्रोटीन युक्त आहार से मछलियां बीमारियों से और ठंड से बच जाती हैं.
रोज दें मछलियों को ताजा पानी
मछली पालन करते समय किसान इस बात पर जरुर गौर दें कि तालाब में हर रोज 2 से 3 घंटे ताजा पानी चलाएं. वो इसलिए सर्दियों के मौसम में तालाब के पानी के ज्यादा ठंडा होने के कारण मछलियों की परतों में भी बदलाव देखने को मिल जाता है. वो इस प्रकार-
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ऊपरी परत में कतला
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दूसरी परत में रोहू
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और सबसे आखिरी परत में मंगल मछली
इसी वजह से मछली पालन करते हुए इन तीनों परतों का ख्याल रखना जरुरी होता है वरना मछली पालन में घाटे का भी सामना करना पड़ सकता है.
विशेषज्ञ की राय जरुरी
अगर मत्स्य पालन करते दौरान मछलियों के विकास में असामान्यता नजर आए तो जैस- खाना कम खाना, मछली का सुस्त रहना, मछली का सतह पर आना ऐसे लक्षणों को बिल्कुल भी नजर अंदाज न करें और मत्स्य विभाग या किसी विशेषज्ञ की जरुर सलाह लें.
मछली पालन में कितना होगा मुनाफा?
देश के कई इलाकों में मछली पालन तेजी से बढ़ रहा है जिसके चलते किसानों को काफी लाभ हो रहा है. मछली पालन के व्यवसाय से किसानों की कमाई साल में लगभग 1 से 2 लाख तक पहुंच जाती है. वहीं 1 से 2 एकड़ रकबे से शुरु होकर बड़े पैमाने पर भिन्न होती है. साथ ही किसान मछली की प्रजाति और बाजार की मांग के अनुसार अधिक मुनाफा कमा लेते हैं.
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