मेंढ़क को किसानों का दोस्त माना जाता है. आखिर ऐसा हो भी क्यों न, फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को नियंत्रित करने में इनका मुख्य योगदान है. शायद यही कारण है कि खेतों के आस-पास इनकी मौजूदगी सदैव किसानों को आनंदित ही करती है. बढ़ती हुई महंगाई के दौर में तो किसान भाई महंगे कीटनाशकों की जगह मेंढ़क पालन को ही महत्व दे रहे हैं. हाल ही में मध्य प्रदेश में मेंढ़क पालन का चलन बढ़ा है.
किसानों को पसंद आ रहा है पीला मेंढक
मध्य प्रदेश में इन दिनों चमकदार पीले रंग के मेंढकों को खूब पसंद किया जा रहा है. यहां के नरसिंहपुर जिले के आमगांव में तो बाकायदा किसान इन्हें पाल भी रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि आम मेंढ़कों के मुकाबले पीले मेंढ़क कीटों का सफाया अधिक तेजी से करते हैं. ऐसे में कीटनाशकों के मुकाबले ये तरीका अधिक किफायती जान पड़ रहा है.
सोशल मीडिया पर वायरल
कीटों को समाप्त करने के लिए मेंढ़कों का प्रयोग लोगों को पसंद आ रहा है. सोशल मीडिया पर मेंढ़कों का वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है.
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बुलफ्रॉग के नाम से है मशहूर
गांव वालो की माने तो पीले मेंढ़क महाराष्ट्र के क्षेत्रों में नजर आते हैं, लेकिन ऐसा पहली बार है कि इन्हें मध्य प्रदेश के भागों में भी देखा जा रहा है. मेंढकों की इस प्रजाति को इंडियन बुलफ्रॉग कहा जाता है.
अन्य क्षेत्रों में बढ़ी मांग
कीटों को नियंत्रित करने के लिए अन्य क्षेत्रों के किसान भी अब इस गांव में आने लगे हैं. पीले मेंढ़कों की मांग बढ़ने लगी है. इस बारे में गांव के किसान संपत का कहना है कि लॉकडाउन में मार्केट से कीटनाशकों को खरीदना आसान काम नहीं है, ऐसे में लोग देशी तरीकों पर फोकस कर रहे हैं.
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