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Cow health and wellness: गायों का स्वस्थ रहना डेयरी उद्योग के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जब गायों में बीमारियां होती हैं, तो इसका असर न केवल उनके दूध उत्पादन पर पड़ता है, बल्कि उनके समग्र स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है. कई प्रकार की बीमारियां गायों में आम होती हैं, जैसे कि बुखार, त्वचा रोग, सांस की समस्या और पाचन संबंधी विकार. इन बीमारियों के लक्षणों की पहचान करना और समय पर उपचार करना आवश्यक है ताकि गायों का स्वास्थ्य बेहतर रहे और डेयरी उद्योग की उत्पादकता बनी रहे. आइए कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानते हैं गायों को होने वाली 10 प्रमुख बीमारियां, उनके लक्षण और उपचार के उपाय.
1. खुरपका-मुंहपका (FMD)
लक्षण:
- मुंह, जीभ, होठों और खुरों पर छाले
- लार गिरना और खाना न खाना
- लंगड़ापन और बुखार
उपाय:
- संक्रमित गाय को अलग रखें
- साफ-सफाई का ध्यान दें
- समय-समय पर टीकाकरण कराएं
2. थनैला (मस्ताइटिस)
लक्षण:
- थन में सूजन और लालिमा
- दूध में खून या पीला पदार्थ आना
- बुखार और बेचैनी
उपाय:
- थनों की नियमित सफाई करें
- एंटीबायोटिक उपचार कराएं
- संक्रमित गाय के दूध को अलग रखें
3. लंगड़ापन (Laminitis)
लक्षण:
- चलने में कठिनाई
- खुरों में सूजन और दर्द
- दूध उत्पादन में गिरावट
उपाय:
- सही आहार दें
- साफ और सूखी जगह पर रखें
- पशु चिकित्सक से इलाज कराएं
4. दूध ज्वर (Milk Fever)
लक्षण:
- कमजोरी और लड़खड़ाना
- ठंडा शरीर और सुस्ती
- खाने-पीने में अरुचि
उपाय:
- कैल्शियम इंजेक्शन लगवाएं
- संतुलित आहार दें
- बछड़े के जन्म के बाद विशेष ध्यान दें
5. बचेरी (Bloat)
लक्षण:
- पेट में सूजन और बेचैनी
- बार-बार लेटने और उठने की कोशिश
- सांस लेने में कठिनाई
उपाय:
- अधिक मात्रा में हरा चारा देने से बचें
- पेट की मालिश करें
- वेटरनरी डॉक्टर से दवा लें
6. ब्रुसेलोसिस (Brucellosis)
लक्षण:
- बार-बार गर्भपात
- दूध उत्पादन में कमी
- कमजोर बछड़े का जन्म
उपाय:
- संक्रमित गाय को अलग करें
- नियमित टीकाकरण कराएं
- स्वच्छता बनाए रखें
7. रेबीज (Rabies)
लक्षण:
- अचानक आक्रामक व्यवहार
- मुंह से झाग आना
- पानी से डर लगना
उपाय:
- समय पर टीका लगवाएं
- संदिग्ध पशु को अलग करें
- तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें
8. पाचन तंत्र की समस्या (Indigestion)
लक्षण:
- भूख न लगना
- बार-बार डकार आना
- मल त्याग में परेशानी
उपाय:
- सही मात्रा में आहार दें
- पेट की मालिश करें
- आवश्यक दवा दें
9. गलघोंटू (Hemorrhagic Septicemia)
लक्षण:
- गले में सूजन
- सांस लेने में कठिनाई
- अचानक मौत
उपाय:
- टीकाकरण कराएं
- संक्रमित गाय को अलग करें
- समय पर दवा दें
10. लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease)
लक्षण:
- शरीर पर गांठें बनना
- बुखार और कमजोरी
- दूध उत्पादन में कमी
उपाय:
- साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें
- संक्रमित गाय को अलग करें
- पशु चिकित्सक से इलाज कराएं
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