वर्तमान समय में कारोबारी हो या किसान हर कोई ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहता है. ऐसे में किसान भी अब खेती के साथ साथ पशुपालन कर अपनी आय को दोगुना कर रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकारें भी पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनायें चला रही हैं.
इसी क्रम में पशुपालकों के लिए एक बेहद अच्छी खबर है. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने दूध के उत्पादन में बढ़ोतरी लाने के लिए पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान की एक नयी तकनीक इजाद की है, जिसे सेक्स स़ाटेर्ड सीमन नाम से जाना जाता है. इस तकनीक की मदद से गाय और भैंस सिर्फ बछिया या पडियों को ही जन्म देंगी. तो ऐसे में आइये जानते हैं इस तकनीक के बारे में विस्तार से....
सेक्स सॉर्टेड सीमन क्या है (What is sex sorted semen)
सेक्स स़ाटेर्ड सीमन यह एक ऐसी तकनीक है जो पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान (artificial insemination) के लिए चालू की गई है. इस तकनीक से गाय और भैंस बछिया या पडियों को ही जन्म देंगी. गौरतलब है कि artificial insemination तकनीक से मादा पशुओं की संख्या बढ़ेगी एवं संख्या बढ़ने से दुग्ध उत्पादन में भी बढोत्तरी होगी.
कितना देना होगा इस तकनीक के लिए शुल्क (How much will you have to pay the fee for this technology)
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इस तकनीक से एआई कराने के लिए सामान्य व पिछडा वर्ग के पशुपालकों को 450 रुपए देने होंगे.
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अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के पशुपालकों को 400 रुपए का शुल्क देना होगा
सेक्स स़ाटेर्ड सीमन विधि पुरानी विधि से किस प्रकार है ज्यादा कारगर (How is the sex-settled semen method effective than the old method?)
पहले सांडों के वीर्य (Sperm) से गायों को क्रॉस करवाकर गायों का नस्ल सुधार किया जाता था, पर इस विधि में पैदा हुए बच्चे बछड़े होंगे या बछिया ये जानना मुश्किल था, जबकि इस सेक्स स़ाटेर्ड सीमन विधि द्वारा 90 फीसद तक बच्चे बछिया ही पैदा हो रही हैं.
पहले वाली विधि से महज 8 से 10 बच्चे ही पैदा हो सकते थे, जबकि इस नई विधि से भारी संख्या में बच्चे पैदा किये जा सकते हैं. इस प्रकार ये नई विधि ज्यादा उपयोगी मानी गई है.
गायों और भैंसों की घर में हो रही है एआई
मध्यप्रदेश के चिकित्सक और सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों के कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों (Artificial insemination centers) में और उन्नत किसानों के घर जाकर सेक्स साटेर्ड सीमन (Sex Sorted Semen) तकनीक से गायों और भेंसों का एआई कर रहे हैं.
सेक्स साटेर्ड सीमन तकनीक से लाभ (Benefit From Sex Sorted Semen Technology)
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सेक्स साटेर्ड सीमन तकनीक से पशुओं के दुग्ध उत्पादन में काफी हद तक बढ़ोत्तरी होगी.
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इससे मादा पशुओं की तादाद बढ़ेगी
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किसानों की आय में भी इजाफा होगा
इस योजना का लाभ किसान कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
इस नई विधि से रतलाम जिले में तक 200 गायों का एआई (FI) किया जा चुका है और इसकी पूरी जानकारी इनार्फ सॉफ्टवेयर (Inform Software) में दर्ज कर दी गई है. जो भी इच्छुक किसान इस विधि से अपने गायों या फिर भैंसो का कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Pregnancy) करवाना चाहते हैं वो अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय में जाकर इस बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.