पोल्ट्री फार्मिंग किसानों के लिए रोजगार और आय का एक बेहतर और लाभकारी विकल्प बन चुका है. आज के समय में किसान केवल परंपरागत खेती तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि वे अपने व्यवसाय को बढ़ाने और आय के नए स्रोत खोजने के लिए मुर्गी पालन जैसे आधुनिक और प्रोटीन युक्त उत्पादों वाले क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से कदम बढ़ा रहे हैं. बाजार में प्रोटीन युक्त अंडों और ताजे मांस की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे यह व्यवसाय किसानों के लिए आकर्षक अवसर प्रदान करता है.
गांवों में भी किसान इस व्यवसाय में खास उत्साह दिखा रहे हैं क्योंकि पोल्ट्री फार्मिंग न केवल कम निवेश में शुरू की जा सकती है, बल्कि इसमें अच्छा लाभ भी मिलता है. यह व्यवसाय छोटे और मध्यम स्तर के किसानों के लिए रोजगार का स्थायी स्रोत बन चुका है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है. इसके अलावा, मुर्गी पालन किसानों को कृषि पर निर्भरता कम करने और आय के विविध स्रोत विकसित करने का अवसर भी प्रदान करता है. ऐसे में आइए पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस के बारे में जानते हैं-
पोल्ट्री फार्मिंग खर्च
पोल्ट्री फार्म चलाने में तीन मुख्य खर्च होते हैं-
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फीड का खर्च
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दवाईयां और टीकाकरण
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प्रबंधन और बिजली- पानी का खर्च
वहीं मीडिया रिर्पोट के अनुसार मुर्गी पालन में फीड का खर्च लगभग 65 से 70 प्रतिशत होता है. इसलिए किसानों को फीड प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. अगर फार्म की साफ- सफाई का खास ख्याल रखा और बायो-सिक्योरिटी नियमों का पालन किया जाए, तो दवाईयों की जरुरत कम पड़ेगी और खर्च भी कम होगा जिससे किसानों को बड़ा मुनाफा होगा.
सही फीडिंग
मुर्गी पालन में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा फीड होता है, इसलिए किसानों को इसका विशेष तरह से प्रबंधन करना बहुत जरुरी है. चूजों को पहले 15 दिन तक बारीक दलिया खिलाएं मतलब 15 दिन तक छोटी ग्रिट देना शुरू करना है और याद रखें मुर्गीयों को उनकी उम्र के हिसाब से स्टार्टर्स, ग्रोअर्स, और फिनिशर फीड दें. क्योंकि इसमें सही मात्रा में मिनरल्स, विटामिन के अच्छे स्त्रोत होते है और संभव हो सके तो किसान अपने खेत की सामग्री से ही मुर्गीयों का फीड तैयार करें जिससे लागत कम और मुनाफा अधिक होगी.
चूजों के लिए जरुरी टिप्स
पोल्ट्री फार्मिंग में सबसे नाजुक वक्त होता है छोटे चूजों की देखभाल करना अगर इस समय में किसानों से कोई भी चूक हो गयी तो बड़े घाटे का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए फार्म की सफाई के लिए किटाणुनाशक का पूर्ण रूप से इस्तेमाल करें और ब्रूडर में गर्मी बनाएं रखे वहीं शुरुआत में चूजों को चिक गार्ड में रखें फिर 8 से 10 दिन बाद हटा दें और याद रहें ब्रूडर में गर्मी का तापमान सही रखें ताकि चूजों के विकास में कोई रुकावट न आएं.
सरकारी योजना सहायता
केंद्र और राज्य सरकारें पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए कई योजना चला रही हैं.
समेकित मुर्गी विकास योजना- इस योजना के तहत युवाओं को सरकार मुर्गी पालन के लिए 50% तक अनुदान देती है इसी प्रकार राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत किसानों को फार्म बनाने और उपकरण खरीदने पर सरकार 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी की छूट देती है.
किसानों के लिए जरुरी टिप्स
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किसान अगर मुर्गी पालन बिजनेस करना सोच रहें है तो हमेशा ध्यान रखें स्वस्थ और टीकाकृत चूजे ही खरीदें.
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साथ ही फार्म की सफाई में बिल्कुल भी समझौता न करें अच्छी तरह से साफ-सफाई करें ताकि मुर्गीयां सुरक्षित रहें.
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मुर्गीयों के टीकाकरण तारिख को अनदेखा ना करें समय पर टीका लगवाएं.
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नियमित रूप से पशु चिकित्सक से सलाह रहते रहें.
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और इस बात पर तो जरूर ध्यान दें अडें और मांस की बिक्री के लिए स्थानीय बाजारों से संर्पक करें.