भारत में खेती-बाड़ी के अलावा किसान अब डेयरी फार्मिंग की ओर भी तेजी से बढ़ रहे हैं. इसका मुख्य कारण है देश में दूध की लगातार बढ़ती मांग. खेती के साथ डेयरी व्यवसाय में भी निवेश करना लाभकारी साबित हो रहा है और इससे किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है. कई युवा किसानों ने तो नौकरी छोड़कर डेयरी फार्मिंग शुरू कर दी है. वही पशुपालक हमेशा ऐसी नस्ल की तलाश में रहते हैं जो अधिक मात्रा में दूध देने में सक्षम हों. वह वह किसान गिर गाय का पालन कर सकते हैं. इस नस्ल से पशुपालकों को सालाना अच्छी आमदनी हो सकती है.
गिर नस्ल की मांग
पशुपालकों को गिर गाय की खासियत बहुत पसंद है. यह नस्ल दूध उत्पादन के लिहाज से बेहद लाभकारी है और इसलिए इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है. पशुपालक इसे अक्सर “दूध की रानी” कहते हैं क्योंकि यह अधिक दूध देने में सक्षम है. इसके अलावा भारत में अन्य प्रसिद्ध देसी नस्लें हैं – साहीवाल, सिंधी, कांकरेज और थारपारकर, जिनका पालन भी मुनाफे के लिए लाभकारी साबित हो सकता है.
किन राज्यों में पालन उचित है
गिर गाय मूल रूप से गुजरात के अमरेली, भावनगर, जूनागढ़ और राजकोट जिलों के आसपास के गिर वन क्षेत्र में पाई जाती है. हालांकि सहनशीलता और दूध उत्पादन के लिहाज से यह नस्ल अन्य राज्यों के पशुपालकों के लिए भी उपयुक्त है:
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उत्तर प्रदेश
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राजस्थान
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मध्य प्रदेश
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हरियाणा
गिर गाय का आहार
अगर आप इस नस्ल का पालन करना चाहते हैं, तो गाय को सही प्रकार का आहार देना बहुत जरूरी है. उचित आहार मिलने पर ही गाय अधिक दूध देगी और पशुपालकों को अधिक लाभ होगा. आहार इस प्रकार तैयार करें:
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गाय को सूखा और हरा चारा दोनों खिलाएं.
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चारा के रूप में ज्वार, जई, बरसीम और मक्का के पत्ते दें.
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विशेष पशु आहार में गेहूं, मक्का, जौ, चना और मूंगफली या सरसों की खली को भुरभुरा पीसकर गुड़ के पानी में मिलाकर खिलाएं.
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गाजर, सहजन और चुकंदर जैसी सब्जियां भी पोषण के लिए शामिल की जा सकती हैं.
पशुपालकों को कितना मुनाफा होगा?
गिर गाय लगभग 12 लीटर दूध प्रतिदिन देती है. वर्तमान बाजार भाव के अनुसार, एक गाय से सालाना अनुमानित आमदनी ₹2.34 लाख या माहाना ₹19,500 तक हो सकती है.
कमाई बढ़ाने के तरीके
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गाय का गोबर और गोमूत्र बेचकर अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है.
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डेयरी उत्पाद जैसे पनीर, घी बनाकर भी लाभ कमाया जा सकता है.
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अगर गाय को सही पोषण और आहार दिया जाए, तो पशु स्वस्थ रहेगा और दूध उत्पादन बढ़ेगा, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा होगा.