मुर्गी पालन देश में बड़े व्यवसाय का रुप लेता जा रहा है, क्योंकि मुर्गी के मांस की और अंडे की मांग बाजारों में बनी रहती है. इसमें पाए जाते हैं- विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं जिसमें विटामिन डी, विटामिन बी 12, सेलेनियम, कोलीन और आयोडीन शामिल है और यह शरीर के लिए प्रोटीन का अच्छा स्रोत है. वहीं, किसान से लेकर देश के युवा भी इस व्यवसाय को अपना रहे हैं, यानि यह बिजनेस कमाई का बढ़िया जरिया बनता जा रहा है. ऐसे में अगर मुर्गी की इन नस्लों नाटी मुर्गी, कड़कनाथ मुर्गे, वनराजा मुर्गी, गिरिराज देशी मुर्गी, असील नस्ल का पालन किया जाए तो तगड़ा मुनाफा होना संभव है.
अगर आप भी मुर्गी पालन शुरू करना चाहते हैं, तो यहां जानिए टॉप 5 देशी मुर्गी नस्लें जिन्हें अपनाकर किसान हर महीने मोटी कमाई कर सकते हैं-
देशी नाटी मुर्गी
देशी नाटी मुर्गी की नस्ल स्वाद में नंबर वन है और इसी कारण मुर्गी की इस नस्ल का पालन ग्रामीण इलाकों में मुख्य रुप से किया जाता है, क्योंकि इस नस्ल का मांस बेहद ही स्वादिष्ट माना जाता है और इसके अच्छे स्वाद के कारण इस नस्ल से बाजारों में अच्छे दाम मिल जाते हैं इस प्रकार-
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बाजार में इस नस्ल की कीमत लगभग 400 से 500 रुपये प्रति किलो है.
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अगर इसके अंडे देने की क्षमता की बात करें तो यह मुर्गी सालाना 70 से 120 अंडे दें देती है.
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इस नस्ल की पालन से कम खर्च में अच्छी कमाई हो सकती है.
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अगर इस मुर्गी की खासियत की बात करें तो यह कम देखरेख में तेजी से बढ़ती है और इस नस्ल में बीमारी भी बहुत कम होती है.
कड़कनाथ मुर्गे
कड़कनाथ मुर्गे ब्लैक मीट वाली प्रीमियम नस्ल है. अगर किसान इस नस्ल का पालन करते हैं, तो अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं, क्योंकि यह नस्ल प्रीमियम क्वालिटी मांस वाली नस्ल है और इस मुर्गे की खासियत है इसका काला मांस और उच्च पोषण मूल्य जो इसको खास बनाता है और दिला सकता है अच्छे दाम-
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कड़कनाथ मुर्गे की कीमत करीबन बाजारों में 600 से 1000 रुपये प्रति किलो तक मिल जाती है.
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कड़कनाथ मुर्गे में प्रोटीन अधिक, फैट कम, औषधीय गुण ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं.
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इस नस्ल की मांग शहरों, होटलों और हेल्थ-कॉन्शियस लोगों में बहुत अधिक है, जिससे किसानों को बढ़िया मुनाफा मिल जाता है.
असील नस्ल
असील मुर्गा अपनी ताकत और सुंदरता के लिए जाना जाता है और यह भारत की सबसे पुरानी लड़ाकू लोकप्रिय नस्ल मानी जाती है. इस नस्ल का पालन किसानों के लिए मुनाफे का सौंदा हो सकता है इस प्रकार-
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इस नस्ल से अंडे साल में 50-80 तक मिल सकते हैं.
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अगर वजन की बात करें तो इस मुर्गी का वजन 5 से 6 किलो तक होता है.
वनराजा मुर्गी
वनराजा एक ऐसी नस्ल है, जिसको देशी और विदेशी नस्ल के मिश्रण से तैयार किया गया है, जो कम दाना भी खाकर किसानों को अच्छी ग्रोथ देती है. साथ ही किसान कम पूंजी में भी इस मुर्गी का पालन कर सकते हैं और इस नस्ल की खासियत है-
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साल में 180 से 220 अंडे देने की क्षमता है.
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इस नस्ल का वजन 2 से 3 किलो तक होता है.
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कम खर्च और तेजी से बढ़ना इस नस्ल को खास बनाता है.
गिरिराज मुर्गी
अगर किसान मुर्गी पालन करके अच्छी आय अर्जित करना चाहते हैं, तो वह गिरिराज मुर्गी का पालन करें क्योंकि यह नस्ल ज्यादा अंडे देने वाली देशी नस्ल है, जो किसानों की तगड़ी कमाई का जरिया बन सकती है इस प्रकार-
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गिरिराज मुर्गी किसानों को सालाना 160 से 220 अंडे देने की क्षमता रखती है.
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इस मुर्गी का वजन 3 से 4 किलो होता है.
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अगर किसान इस नस्ल का पालन करते हैं, तो वह आसानी से अच्छा उत्पादन पा सकते हैं.