खरगोश पालन (Rabbit Farming) एक लाभकारी बिजनेस है, जिससे किसान भाई हर साल 10 से 12 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं. आज भारत में खरगोश पालन के प्रति किसानों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. भारी मुनाफे को देखते हुए इस बिजनेस को गांव के पढ़े-लिखें नौजवान भी बेझिझक अपना रहे हैं. पिछले कुछ सालों में खरगोश के मांस की अच्छी खासी डिमांड बढ़ी है जिसके वजह से क्षेत्र में रोजगार की अच्छी संभावनाएं बढ़ गई है.
छोटे व मंझोले किसान इस बिजनेस को करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. खरगोश पूरी तरह से शाकाहारी जानवर है, इस वजह से भी लोग इसके मांस को पसंद करने लगे हैं. आज गांवों और शहरों में मांस के प्रमुख स्त्रोत ब्रायलर मुर्गी व देशी मुर्गे, बकरे व मछलियां है. ऐसे में इस बिजनेस में बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा भी नहीं है. ऐसे में खरगोश पालन के जरिए लाखों की कमाई का पूरा गणित समझना बेहद आवश्यक है-
खरगोश के मांस की काफी मांग
बता दें कि खरगोश के मांस में बेहद कम वसा होता है. प्रोटीन तथा कोलेस्ट्रॉल की भी अच्छी मात्रा होती है. इसके अलावा, इसका मांस बेहद स्वादिष्ट व पौष्टिक होता है, जिसे लोग चाव से खाना पसंद करते हैं. माना जाता है कि इसका मांस हार्ट पेशेंट के लिए बेहद उपयोगी होता है. इस वजह से इस बिजनेस में घाटे की कोई संभावना नहीं है. खरगोश का पालन मांस के अलावा चमड़ा उत्पादन के लिए भी किया जाता है. दरअसल, इसकी मुलायम खाल से निर्मित डिजाइनर टोपियों, दस्ताने, पर्स व जैकेट की बाजार में हमेशा मांग रहती है.
खरगोश पालन के लिए उपयुक्त जलवायु
खरगोश एक सुन्दर और एक नाजुक जानवर है. इसका पालन 35 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में आसानी से किया जा सकता है. ठंडे क्षेत्रों में खरगोश की अंगोरा नस्ल का पालन किया जाता है. यहां के 25 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी यह जीवित रह सकता है. इस नस्ल के खरगोश से ऊन का उत्पादन किया जाता है, जो बाजार में अच्छे दामों में बिकता है.
खरगोश पालन के लिए आवास
जिन क्षेत्रों की जलवायु गर्म होती है, वहां खरगोश के लिए ऐसे आवास का निर्माण करना चाहिए, जिसमें धूप न आए और हवा बराबर आती रहे. वहीं ठंडे क्षेत्रों में खरगोश पालन के लिए आवास बनाने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें जहां पर्याप्त रोशनी आए.
खरगोश पालन के लिए प्रमुख सावधानियां
फर्श- इसके पालन के लिए फर्श पर लकड़ी के बुरादे की 3-4 इंच ऊंची निर्मित की जाती है. इस तह पर खरगोश को मुर्गियों की तरह खुला छोड़ दिया जाता है. जहां वे आसानी घूम फिर सकें. बता दें कि में बिल बनाने की आदत होती है. इसलिए बुरादे का खोदते रहते हैं. इस तरह बेहद कम जगह में ही इन्हीं आसानी से पाला जा सकता है. हालांकि, इनमें एक दूसरे से लड़ने की आदत होती है जिससे ये एक दूसरे को जख्मी कर देते हैं. ऐसे में इनकी परवरिश के लिए पिंजरे का उपयोग किया जाना चाहिए.
पिंजरा-यदि आप खरगोश का व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पालन करना चाहते हैं, तो इसके लिए पिंजरों का प्रयोग करें. पिंजरों में खरगोश का साफ सुथरे तरीके से पालन किया जा सकता है. इसके लिए 14 गेज (जाली) के पिंजरे का निर्माण करवाए जिसका आकार 3X4 मीटर का हो. इस पिंजरे की जाली में खरगोश के पैर फंसने की संभावना नहीं रहती है. इसके अलावा 12 गेज के पिंजरे का भी निर्माण करवाया जा सकता है. जिसका आकार 2X1 मीटर होना चाहिए. वहीं चूजों के लिए अलग आकार के पिंजरे का निर्माण करवाना चाहिए.
खरगोश पालन के लिए प्रजनन
6 महीनों में नर व मादा खरगोश प्रजनन करने के योग्य हो जाते हैं. प्रजनन के दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि नर खरगोश को ही मादा खरगोश के पिंजरे में ले जाना चाहिए. वहीं साल में चार बार भी इनसे बच्चे लेना चाहिए. यह एक बार में 6 से 8 बच्चे को जन्म दे सकते हैं. वहीं प्रजनन के 30 दिनों बाद ही मादा खरगोश बच्चों को जन्म दे देती है.
खरगोश पालन के लिए प्रमुख नस्लें
खरगोश पालन के लिए प्रमुख उन्नत नस्लें इस प्रकार है- सोवियत चिंचिला, व्हाईट जाईंट, ब्लैक ब्राउन, न्यूजीलैंड व्हाईट, ग्रे जाईंट, अंगोरा, डच आदि.
कौन-सी नस्ल के खरगोश पालें
आजकल न्यूजीलैंड रेड, न्यूजीलैंड व्हाइट, मिनिरेक्स व डच नस्ल के खरगोश की खूब डिमांड है. इन नस्लों का पालन करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
खरगोश पालन के लिए आहार
खरगोश शुद्ध शाकाहारी जानवर है और यह अपना आहार गोली, दाना या चूरे के रूप में ग्रहण करता है. इसके चूजों को जन्म के 15 दिनों बाद दाने को दरड़कर देना चाहिए. हरे चारे में खरगोशों को जई, बरसीम, राई घास आदि आहार दिए जा सकते हैं. वहीं खरगोशों को दाना देते समय इस बात का ध्यान रखें कि अनाज पर फफूंद न हो. दरअसल, फफूंद वाले अनाज में एफ्लाटॉक्सिन नाम का जहर पाया जाता है. इसके कारण खरगोशों में महामारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.
खरगोश पालन से कमाई का गणित
यदि किसान भाई इस बिजनेस से मोटी कमाई करना चाहते हैं तो बड़े पैमाने पर खरगोश पालन करें. इसके लिए 100 मादा और 20 नर खरगोश से अपना बिजनेस शुरू करें. मादा एक बार में 6 से 8 बच्चों को जन्म दे सकती है. वहीं साल में चार बार बच्चे देने में सक्षम होती है. ऐसे में एक बार में 600 से 700 खरगोश बेच सकते हैं. जिससे एक बार में खर्च काटकर 2 से 2.5 लाख की कमाई हो जाती है. वहीं साल में किसान भाई 8 से 10 लाख रुपए शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं. इसके अलावा, आप खरगोश के जोड़े को बेचकर भी बढ़िया कमाई कर सकते हैं.
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