अब इस वजह से चिकन खाना होगा महंगा
जो लोग चिकन खाने के शौकीन है आने वाले दिनों में उनको इसे खाने के लिए अपनी जेब को ढीला करा पड़ सकता है। दरअसल केंद्र सरकार ने मुर्गीपालन के कारोबार को नियंत्रित करने के लिए एक नया ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसके तहत मुर्गीपालन के कारोबार में पशु क्रुरता रोकथाम को अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा। दरअसल नए नियम के मुताबिक यदि आपने रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है तो आप मुर्गी पाल नहीं सकते है। अगर कोई भी मुर्गीपालन इस नियम का उल्लंघन करता है तो पशु क्रुरता नियम के तहत उस पर उचित जुर्माना लगाया जाएगा।
देश में बढ़ रही चिकन की खपत
अगर केंद्र सरकार का यह नियम लागू होगा तो उसका सीधा असर चिकन और अंडों के व्यापार पर पड़ेगा। अंडों की कीमत में ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है। इसके पीछे प्रमुख वजह यह है कि नए नियम के तहत मुर्गी के पैदा होने के 8 से 10 हफ्तों के बाद ही उसका मीट इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पहले इसको 6 हफ्ते में इस्तेमाल किया जाता था। इसके अलावा जो मुर्गीपालकों को अपनी मुर्गियों के लिए साफ और सही स्थान रखना होगा, अन्यथा उसे पशु क्रुरता के दायरे में लाया जाएगा। देश में चिकन और अंडों की भारी खपत होती है। देश के केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में अंडों और चिकन की खपत प्रतिवर्ष 7 से 9 प्रतिशत की दर से बढ़ती ही जा रही है।
अगले साल 1 जनवरी से नया नियम
मुर्गीपालन करने वाले को एक बार में 5 साल के लिए रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा। यह नया निटम 1 जनवरी 2020 से लागू किया जा सकता है, हालांकि इससे पहले केंद्र सरकार ने नए नियमों को लेकर सभी तरह के स्टेकहोल्डर्स से एक महीने के भीतर सुझाव मांगे है। इसके लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 31 दिसंबर तक नोटिफाई करना जरूरी है।
भारत में मुर्गी का उत्पादन
एक्सपर्ट का कहना है कि इन नियमों के आ जाने से अंडा, मुर्गीपालन का कारोबार मंहगा हो सकता है। बता दें कि भारत पूरी दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उत्पाद देश है। हर साल यहां करीब 880 करोड़ अंडो का उत्पादन का कार्य होता है। वही पर 42 लाख टन बॉयलर मुर्गी का उत्पादन होता है।
पूरी जानकारी देना जरूरी
अगर नियमों की बात करें तो मुर्गीपालन का रजिस्ट्रेशन के वक्त पर फार्म की पूरी जानकारी देनी अनिवार्य है। समय समय पर सरकार इसका पूरी निरीक्षण करेगी। इसके बाद सरकार के पास 6 से 8 मुर्गियों के लिए 550 स्क्वायर फीट मे जगह रखना जरूरी है। इसके अलावा पशुओं के डॉक्टर का इंतेजाम करना बहुत ही जरूरी है। मुर्गीपालवक को पूरी जानकारी रखना अनिर्वाय है जिसे सरकार समय-समय पर मांग सकती है।
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