नदी,तालाबों के पानी में तैरती मछलियां बरबस ही ध्यान आकर्षित करती है. किसान भाई फसल के बेहतर उत्पादन के लिए पानी की कमी को पूर्ण करने के लिए बनाए गए तालाबों या पोखरों में भी मछली पालन कर सकते है. आजकल मछली पालन आर्थिक लाभ का एक अच्छा जरिया बन गया है. इसका नतीजा यह है कि किसान और पशुपालकों की मछली पालन के प्रति रूचि लगातार बढ़ रही है.
मछली पालन से संबंधित आंकड़े
जानकारी के लिए बता दें कि भारत एक्वाकल्चर के द्वारा मछली उत्पादन करने वाले विश्व के देशों में दूसरे नंबर पर है, साथ ही भारत मछलियों का दुनिया का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है क्योंकि यह वैश्विक मछली उत्पादन में 7.7% का योगदान देता है. मछली पालन और एक्वाकल्चर के द्वारा मछली उत्पादन के द्वारा भारतीय जी.डी.पी. में 1% और कृषि आधारित जी.डी.पी. में 5% का योगदान दिया जाता है. भारत में इस क्षेत्र में लगभग 28 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है.
मौजूदा समय में नई तकनीक से मछली पालन कर मुनाफा कमाया जा सकता है. इसके साथ ही केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. इसी कड़ी में मछली पालकों को लाभ पहुंचाने के लिए मत्स्य सेतु ऐप (Matsya Setu App) पेश किया गया है. इस लेख में पढ़ें मत्स्य सेतु ऐप की क्या है विशेषताएं और मछली पालक कैसे पा सकते है इस ऐप के द्वारा मछली पालन से संबंधित जानकारियाँ -
क्या है मत्स्य सेतु ऐप
दरअसल, केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा एक मोबाइल ऐप पेश किया गया है, जिसे ‘मत्स्य सेतु’ नाम दिया है. इस ऐप के जरिए आधुनिक जानकारी मिलेगी कि किस तरह स्वच्छ जल में मछली पालन कर सकते हैं. इस मोबाइल ऐप को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) और केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान (भाकृअनुप-सीफा) (Central Institute of Freshwater Aquaculture) भुवनेश्वर द्वारा विकसित किया गया है. इसके अतिरिक्त इस हेतू एनएफडीबी (NFDB) की ओर से आर्थिक मदद भी मिली है, तो आइए हम अपने इस लेख में मछली पालकों के लिए मत्स्य सेतु ऐप (Matsya Setu App) के बारे में विस्तार से बताते हैं.
मत्स्य सेतु ऐप की विशेषताएं
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इस मोबाइल ऐप में मछलियों की अलग-अलग प्रजातियों के बारे में जानने के लिए, ऑनलाइन सेल्फ-लर्निंग मॉड्यूल उपलब्ध कराएं जाएंगे.
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इसके साथ ही विशेषज्ञों द्वारा मछलियों के प्रजनन, बीज उत्पादन और ग्रो-आउट संवर्धन पर जानकारी दी जाएगी .
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इस ऐप में मछली पालक छोटे वीडियो देख सकेंगे , ये विडियो मिट्टी और पानी की गुणवत्ता को बनाए रखने की जानकारी से युक्त होंगे .
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इस ऐप के द्वारा मछलियों जैसे- कार्प, कैटफिश, स्काम्पी, मुरैल, ऑर्नामेंटल फिश और पर्ल फिशिंग के आर्थिक महत्व के बारे में भी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी .
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इसके अलावा मछलियों के लिए भोजन प्रबंधन और स्वास्थ्य प्रबंधन का पालन करना भी सिखाया जाएगा.
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किसान ऐप के माध्यम से भी अपनी शंकाएं पूछ सकते हैं और विशेषज्ञों से विशिष्ट सलाह प्राप्त कर सकते हैं.
मछली पालकों को मिलेगा ई-प्रमाण
मत्स्य सेतु ऐप (Matsya Setu App) में हर पाठ्यक्रम मॉड्यूल को पूरा करने पर ई-प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा.
मत्स्य पालन क्षेत्र का होगा विकास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मत्स्य पालन क्षेत्र का विकास करने के लिए लगभग 20,050 करोड़ रुपए के निवेश के साथ मत्स्य पालन क्षेत्र के टिकाऊ और जिम्मेदार विकास के लिए एक योजना की शुरुआत की, जिसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसवाई) कहा जाता है. इस योजना की शुरुआत सितंबर 2020 में की गई.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लक्ष्य
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इस योजना के तहत अतिरिक्त 70 लाख टन मत्स्य उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करना
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लगभग 1 लाख करोड़ रुपए मत्स्य निर्यात करना
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अगले 5 वर्षों में 55 लाख रोजगार सृजन करना
किन्तु इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार और हितधारकों के बीच सहयोगात्मक और ठोस प्रयासों के साथ बहुआयामी रणनीतियों की आवश्यकता है.
मछली पालकों के लिए मत्स्य सेतु ऐप (Matsya Setu App) बहुत उपयोगी है. वह इस ऐप की मदद से मछली पालन की नई तकनीकों को सीख सकते है . बता दें कि केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से मछली पालकों के लिए और कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनकी मदद से वह मछली पालन कर अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. मछली पालन से और खेती से संबंधित हर जानकारी के लिए जरुर पढ़ें कृषि जागरण