सोमानी कनक सीड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का नाम उन्नत बीजों के निर्माण के लिए जाना जाता है. किसानों को कंपनी द्वारा सब्जियों के कई तरह के अनेक बीज दिए जाते हैं जिससे उनके आय में बढ़ोतरी हो सके. बता दें कि देश के कई हिस्से में किसान सोमानी कंपनी के बीजों का इस्तेमाल करके अपनी आय बढ़ा रहे हैं एवं अनेको मंडियों में कंपनी के बीज से विकसित सब्जियां धड़ल्ले से बिक रही हैं. इन्ही सब बातों को देखते हुए कृषि जागरण की टीम ने सोमानी सीड्स के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक के.वी.सोमानी से मुलाकात की. पेश है उनसे साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंशः
प्रश्नः बीज उद्योग की मुख्य चुनौतियां क्या है ?
उत्तरः हमारा बीज उद्योग आज़ भी मुख्य रूप से मौसम के सहारे चल रहा है. मौसम अगर फसल के अनूकुल रहा तो सब सही है, लेकिन मौसम विपरित हो गया तो किसान की सारी मेहनत लगभग बेकार हो जाती है. इसलिए इस समय हमारी सबसे बड़ी चुनौती यही है कि कैसे हम विपरित मौसम में भी उत्पादन अधिक से अधिक कर सकें. इसी चुनौती को ध्यान में रखते हुए हमारी कंपनी लगातार ऐसे बीजों का निर्माण कर रही है, जो प्राकृतिक संसाधनों के अभाव में भी बेहतर परिणाम देने में सक्षम है.
प्रश्नः कितने राज्यों के किसान आपकी कंपनी के साथ जुड़े हुए है ?
भारत के कुछ राज्य को छोड़कर हम पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, राजस्थान, गुजरात, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, कुछ हिस्सा कर्नाटक का शामिल है. इन राज्यों में किसान हमारी बाजों के सहारे अच्छा उत्पादन कर रहे हैं.
प्रश्नः किसान क्यों सोमानी बीजों की तरफ आकर्षित हो रहा है ?
हम किसानों की जरूरतों को समझने में सफल हुए हैं. एक किसान यही चाहता है कि कम समय में अधिक से अधिक उत्पादन के सहारे अच्छा मुनाफा कमाया जा सके. हम इसी बात को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रहे हैं. उदाहरण के लिए अभी कुछ समय पहले हम ने हाइब्रिड गाजर का निर्माण वंडर रेट के नाम से किया. इस गाजर को आप अगस्त के अलावा सितबंर में भी लगाते हैं तो यह 75 से 80 दिनों के आस-पास विकसीत हो जाती है. जबकि आमतौर पर गाजर को विकसीत होने के लिए 110 दिन लगभग लग जाते हैं.
प्रश्नः आपकी कंपनी की मूली आजकल चर्चाओं में है, इसके बारे बताइए ?
हमारे पास मूली की चार किस्म है. दो किस्में 30 से 45 दिनों में ही तैयार हो जाती है और चाहे कितनी ही गर्मी हो उसमें भी वह तैयार हो जाती है. तीसरी किस्म 40 दिन में तैयार होती है इसका पत्ता थोड़ा कटुवा पत्ता होता है लेकिन उसमें कांटे नहीं होते है. बाकी कंपनी जो अपना प्रोडक्ट दे रही है उनकी मूली में कांटे होते है लेकिन हमारे प्रोडक्ट में ऐसा कुछ नहीं है. उनके कटुवा पत्ते में जो भी प्रोडक्ट 50 से 60 दिन में तैयार हो जाता है लेकिन हमारा प्रोडक्ट 40 दिन में ही तैयार हो जाता है.
प्रश्नः कोई ऐसा उत्पाद जिस पर आप लगातार रिसर्च कर रहे हैं, उसके बारे में जानकारी दें?
रिसर्च एक ऐसी चीज है जो कभी बंद नहीं होती है. हर समय आगे की सोच करके रिसर्च की जाती है. जैसे कि मैं आपको एक उदाहरण के तौर पर बताऊं अभी गाजर की बुवाई अगस्त अंत से लेकर अक्टूबर तक होती है. अब हम सोच रहे कि एक ऐसी गाजर दें किसानों को जो अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक बिजाई करें. मार्च से लेकर जून तक किसानों को गाजर मिलें. हमने अभी रिसर्च करके खुशी के नाम से हाइब्रिड फूलगोभी बनाई है.
प्रश्नः इस समय मुख्य रूप से किन बीजों पर रिसर्च किया जा रहा है ?
इस समय हम बैंगन, टमाटर, गोभी पर मुख्य रूप से काम कर रहे हैं. इसके अलावा हम गाजर और कद्दू आदि पर भी काम कर रहे हैं.
प्रश्नः किसानों को क्या संदेश देना चाहेंगें ?
किसानों का पैसा मेहनत का पैसा है, इसलिए उन्हें संदेश यही देना चाहेंगें कि बीजों को खरीदते समय अच्छे से जांच-पड़ताल करे. मात्र सस्ते के चक्कर में ना पड़े. किसी भी बीज को लेने से पहले थोड़े मात्रा में खरीदकर उसके परिणामों को जान लें. अच्छे एवं बेहतर परिणाम आने पर ही बीजों को खरीदें.
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