कृषि तकनीकों में लगातार तब्दीली होती जा रही है। किसान लगातार आधुनिक तकनीकों को अपनाते जा रहे हैं। अच्छी तकनीकों के इस्तेमाल के बावजूद भी कभी-कभी खेत में फसल अच्छी नहीं होती जबकि एक किसान के मन में बस यह इच्छा होती है कि उसके खेत में अच्छी पैदावार हो। अच्छी फसल न होने के पीछे का एक मुख्य कारण यह भी है कि किसानों को अच्छे बीज नहीं मिल पाते हैं। इसी वजह से खेत में पैदावार कम होती है लेकिन इस समस्या का पूरा समाधान किसानों को नोबल सीड्स उपलब्ध करा रही है। इस कंपनी की शुरुआत ही इस उद्देश्य से हुई थी कि किसानों को बेहतर गुणवत्ता वाले हाइब्रिड बीज उपलब्ध कराने हैं। आज कंपनी अपने इसी वादे पर खरा उतरते हुए किसानों का विश्वास जीत चुकी है। कंपनी की इस सफलता और किसानों के विश्वास के विषय में कंपनी के प्रबंध निदेशक लक्ष्मी एम.एन. से कृषि जागरण के वरिष्ठ पत्रकार इमरान खान की खास बातचीत के मुख्य अंश -
नोबल की शुरुआत के पीछे क्या प्रेरणा थी ?
नोबल की शुरुआत वर्ष 2004 में की गई। जहां तक इसकी शुरुआत के पीछे प्रेरणा का सवाल है तो मन में एक सवाल आता था कि किसान दिनभर इतनी मेहनत खेत में करता है लेकिन फिर भी अच्छा उत्पादन नहीं ले पाता। इसका कारण कहीं न कहीं समझ आया कि किसान को समय पर अच्छे बीज नहीं मिल पाते हैं। बस तभी से मन में विचार आया कि कुछ ऐसा करेंगे जिससे किसानों को अच्छे बीज समय पर मिल सकें और वो अपना उत्पादन बढ़ा सकें। तभी से नोबल सीड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत हुई।
कौन-कौन से बीज आप किसानों को उपलब्ध करा रहे हैं ?
हम किसानों को मुख्य रूप से हाइब्रिड बीज उपलब्ध करा रहे हैं। इनमें लगभग सभी फसलें जैसे बैंगन, गोभी, खीरा, मूली, जीरा, फ्रेंच बीन, गाजर, मिर्च, तरबूज, ओकरा, टमाटर, खरबूज, गेंदा के अलावा और भी बहुत-सी फसलों के हाइब्रिड बीज हम किसानों को दे रहे हैं।
अनुसन्धान केंद्र और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के बारे में बताएं ?
हमारा मुख्य अनुसन्धान केंद्र बैंगलुरू में है जहां पर आधुनिक तरीकों से शोध की जाती है। इसके अलावा सात राज्यों में हमारी उत्पादन यूनिट है। हमारा मुख्यालय दिल्ली, एनसीआर में व क्षेत्रीय कार्यालय बैंगलुरू में है। इसके अलावा बैंगलुरू और दिल्ली दोनों जगहों पर हमारी पैकेजिंग यूनिट व प्रोडक्शन फार्म है। दोनों स्थानों पर हमारे रिसर्च स्टेशन भी हैं। हम पूरे भारतवर्ष में कार्य कर रहे हैं।
उत्पादों की गुणवत्ता को किस तरह बरकरार रखते हैं ?
मेरा मानना है कि गुणवत्ता के मायने सिर्फ बीज बेचना नहीं होता है। किसान तो कई जगह से बीज खरीदता है और बो देता है लेकिन किसान को चाहिए कि जब भी वो कोई बीज खरीदे तो उसे पूरी गहनता से परख ले। उसके ट्रायल को देखे। जिस कंपनी के बीज खरीदे हैं उस कंपनी की टीम से जाकर मिलें, सलाह लें तभी कोई बीज खरीदें | ऐसे बीजों से उसको अच्छा उत्पादन मिलता है। किसान के लिए गुणवत्तावाला बीज वही होता है जिससे उसे अच्छा उत्पादन मिले। नोबल किसानों को गुणवत्तावाले उत्पाद मुहैया करा रही है। इस कारण हम किसानों के बीच में अपनी पैठ बनाने में कामयाब रहे हैं।
किसानों को जागरूक बनाने के लिए नोबल सीड्स क्या प्रयास कर रही है ?
नोबल सीड्स की टीम जिला स्तर पर काम कर रही है। इसकी पूरी माॅनिटरिंग हमारे टेरिटरी मैनेजर करते हैं। इसके अलावा समय पर नोबल की टीम किसानों को जागरूक करती रहती है। इसके लिए टीम गाँव में जाकर किसानों से भी मिलती है फिर उनसे फीडबैक लेती है। यदि किसानों का कोई सुझाव आता है तो उस पर हम कार्य करते हैं। किसानों की सेवा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
कंपनी की सफलता के विषय में आप क्या कहना चाहेंगे ?
मेरा मानना है कि किसी एक इंसान से सफलता हासिल नहीं होती है बल्कि जब हम एक परिवार के रूप में कार्य करते हैं तब जो सफलता मिलती है वही असली सफलता होती है। नोबल सीड्स प्राइवेट लिमिटेड सिर्फ तीन लोगों ने शुरू की थी और आज इस परिवार में 251 सदस्य हैं। इसी परिवार की बदौलत आज हमें सफलता मिली है।
संरक्षित खेती की बढ़ती मांग को लेकर आपकी क्या तैयारी है ?
आज का किसान पढ़ा-लिखा है और समझदार होता जा रहा है। किसान कृषि की नई तकनीकों को अच्छे से जानता है इसलिए संरक्षित खेती का प्रचलन तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। कृषि क्षेत्र की काफी कंपनियां इस पर काम कर रही हैं। हम भी इसके लिए प्लान कर रहे हैं।
English Summary: Better production through good seeds: Lakshmi M.N.
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