ऐसे किसान जो खेतीहर नहीं हैं, उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की स्कीम लाई है. भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से पिछले साल एक अधिसूचना जारी की गई थी. जिसमें बताया गया था कि जिन किसानों के पास भूमि नहीं है वे भी मछली पालन और पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की स्कीम का लाभ ले सकते हैं. इतना ही नहीं, मछली पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में जानकारी दी गई है.
इस योजना को चालू करने का मुख्य उद्देश्य पशुपालन और मछली पालन से जुड़े किसानों को वर्किंग कैपिटल की समस्या से छुटकारा दिलवाना है. शुरुआत में इस योजना के अंतर्गत केवल खेतीहर किसान ही आते थे लेकिन अब इसमें जो किसान खेतीहर नहीं हैं, उन्हें भी जोड़ दिया गया है. अब खेतीहर किसान न होते हुए भी कोई भी व्यक्ति इस स्कीम के जरिए अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा कर सकता है.
बता दें, इस योजना के माध्यम से पशुपालक और मछली पालक बिना किसी गारंटी के 1 लाख 60 हजार रूपये का ऋण ले सकते हैं. इतना ही नहीं इस स्कीम के तहत 3 लाख रूपये का ऋण 2 प्रतिशत सालाना छूट पर ले सकते हैं.
बता दें, इस स्कीम के माध्यम से मछली पालक स्वयं सहायता समूह और महिला समूह क्रेडिट कार्ड से भी ऋण ले सकते हैं. इस ऋण को लेने के लिए मछली पालक के पास किसी तालाब, टैंक या फिर अन्य जल संग्रहण स्थल का मालिकाना हक हो या फिर उसने लीज पर लिया होना चाहिए. समुद्र में मछली पकड़ने के काम में लगे मछुआरों को भी यह सुविधा मिल सकती है. पशुपालन में लगे लोग भी भैंस एवं गाय की खरीद, डेयरी के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण ले सकते हैं. इसके अलावा पॉल्ट्री के लिए भी ऋण लिया जा सकता है. बस ऋण लेने के लिए इनके पास स्वयं सहायता समूह और महिला समूह क्रेडिट कार्ड होना जरूरी है.
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