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Vermicompost Subsidy: वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने पर किसानों को मिलेगा 50 हजार रुपये अनुदान, जानें कैसे उठाएं लाभ!

उत्तर प्रदेश सरकार वर्मी कंपोस्ट यूनिट पर 50 हजार रुपये अनुदान दे रही है. किसान ऑनलाइन आवेदन कर जैविक खाद यूनिट बनाकर मिट्टी की उर्वरता सुधार सकते हैं. 'पहले आओ, पहले पाओ' आधार पर लाभ मिलेगा.

मोहित नागर
मोहित नागर
vermi compost unit subsidy
वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने पर किसानों को मिलेगा 50 हजार रुपये अनुदान (सांकेतिक तस्वीर)

Vermi Compost Unit Subsidy: कृषि क्षेत्र में बढ़ती रासायनिक खादों की निर्भरता से मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होती जा रही है, साथ ही उत्पादन की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है. इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसी कड़ी में अब किसानों को वर्मी कंपोस्ट यूनिट निर्माण पर 50 हजार रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा.

आइए जानें क्या है वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने पर कैसे मिलेगा अनुदान?

किसानों को जैविक खाद के लिए प्रोत्साहन

उद्यान विभाग के अंतर्गत चलाई जा रही इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खाद तैयार करने के लिए प्रेरित करना है ताकि खेती की लागत घटे और उत्पाद की गुणवत्ता में भी सुधार हो. विभाग की ओर से वर्मी कंपोस्ट यूनिट निर्माण के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

खबरों के अनुसार, वर्मी कंपोस्ट यूनिट बनाने की कुल लागत 1 लाख रुपये निर्धारित की गई है. इसमें किसानों को 50 प्रतिशत यानी 50 हजार रुपये तक का अनुदान सीधे दिया जाएगा.

पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मिलेगा लाभ

इस योजना का लाभ 'प्रथम आओ, प्रथम पाओ' के आधार पर किसानों को दिया जाएगा. चयनित किसानों को यूनिट निर्माण के लिए सहायता राशि प्रदान की जाएगी. इसके लिए इच्छुक किसान उद्यान विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

जैविक खाद से मिट्टी की सेहत में सुधार

बता दें कि लगातार रासायनिक खादों के अधिक उपयोग से खेतों की मिट्टी बेजान होती जा रही है. उत्पादन तो कभी-कभी बढ़ जाता है, लेकिन उसकी गुणवत्ता गिरती है. ऐसे में जैविक उर्वरक न केवल मिट्टी की सेहत सुधारते हैं, बल्कि फसल की गुणवत्ता और उत्पादन लागत दोनों में फायदा पहुंचाते हैं.

क्या है वर्मी कंपोस्ट?

वर्मी कंपोस्ट एक तरह की जैविक खाद है, जो केंचुओं की मदद से तैयार होती है. इसमें पौधों के अवशेष, गोबर, पत्तियां आदि मिलाकर प्राकृतिक तरीके से खाद बनाई जाती है. यह खाद खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के साथ-साथ फसलों की गुणवत्ता बढ़ाती है.

किसानों के लिए सुनहरा अवसर

जिला उद्यान विभाग की यह योजना उन किसानों के लिए अच्छा अवसर है, जो रासायनिक खाद पर खर्च घटाकर जैविक खेती की ओर बढ़ना चाहते हैं. वर्मी कंपोस्ट यूनिट तैयार कर किसान अपने खेतों की मिट्टी सुधार सकते हैं, साथ ही अतिरिक्त खाद बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त कर सकते हैं.

कैसे करें आवेदन?

  • किसान उत्तर प्रदेश की उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
  • आवेदन करने के लिए जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, जमीन के कागज आदि अपलोड करने होंगे.
  • चयन प्रक्रिया 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर की जाएगी.
  • चयनित किसानों को यूनिट निर्माण के बाद अनुदान की राशि उनके खाते में दी जाएगी.

योजना का मुख्य उद्देश्य

राज्य सरकार की इस योजना का उद्देश्य न केवल जैविक खेती को बढ़ावा देना है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाना और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना भी है. आने वाले समय में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ सकती है, जिससे किसान अच्छा खासा लाभ कमा सकते हैं. किसान कम लागत में खेती को लाभकारी बनाना चाहते हैं, उनके लिए वर्मी कंपोस्ट यूनिट योजना सुनहरा मौका है. किसान जल्द से जल्द आवेदन करें और अनुदान का लाभ उठाएं.

English Summary: vermi compost unit subsidy uttar pradesh 2025 organic farming benefits online application process Published on: 25 June 2025, 10:57 IST

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