
Micro Irrigation Subsidy: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक बड़ी योजना की शुरुआत की है. सरकार अब खेतों की सिंचाई के लिए आधुनिक माइक्रो इरीगेशन सिस्टम को बढ़ावा दे रही है. इस योजना के तहत किसानों को ड्रिप इरीगेशन, मिनी स्प्रिंकलर, पोर्टेबल स्प्रिंकलर और रेनगन स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने पर भारी सब्सिडी दी जा रही है, जिससे किसानों को लागत में राहत मिलेगी और उनकी फसल की उत्पादकता भी बेहतर होगी.
इस योजना के तहत मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश के उद्यान विभाग द्वारा 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' योजना के अंतर्गत 2025 से 26 के लिए लक्ष्य जारी किया गया है. इस योजना का उद्देश्य जल की बूंद-बूंद का सही उपयोग करना और खेती में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देना है. आजमगढ़ जिले के लिए 1970 हेक्टेयर क्षेत्र में माइक्रो इरीगेशन सिस्टम लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें सामान्य किसानों के लिए 1537 हेक्टेयर और अनुसूचित जाति व जनजाति किसानों के लिए 433 हेक्टेयर का अलग लक्ष्य तय किया गया है.
सब्सिडी की दर 65% से 90% तक
सरकार किसानों को माइक्रो इरीगेशन सिस्टम स्थापित कराने पर 65% से लेकर 90% तक अनुदान दे रही है. लघु एवं सीमांत किसानों को ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर 90% तक सब्सिडी मिलेगी, जबकि अन्य किसानों को 80% तक की सब्सिडी का लाभ मिलेगा. यह योजना किसानों की लागत को काफी हद तक घटा देगी और सिंचाई के लिए जल की खपत भी कम होगी.
माइक्रो इरीगेशन सिस्टम के लाभ
माइक्रो इरीगेशन सिस्टम जैसे ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर सिस्टम से खेतों में पानी की बर्बादी नहीं होती. यह तकनीक जल को सीधे फसलों की जड़ों तक पहुंचाती है, जिससे पानी की 30 से 40% तक बचत होती है. साथ ही, इससे फसलों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है और उत्पादन में वृद्धि होती है. यह तकनीक विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए उपयोगी है जहां जल स्तर कम होता जा रहा है.
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए (http://www.dbt.uphorticulture.in) पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के बाद किसानों को उसकी हार्ड कॉपी 15 दिनों के भीतर संबंधित उद्यान विभाग कार्यालय में जमा करनी होगी. योजना का लाभ पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा, इसलिए इच्छुक किसानों को शीघ्र आवेदन करने की सलाह दी जा रही है.
सब्जियों की खेती पर भी सब्सिडी
सरकार केवल सिंचाई उपकरणों पर ही नहीं, बल्कि कुछ प्रमुख फसलों की खेती को भी प्रोत्साहित कर रही है. संकर टमाटर, मसाला मिर्च, शिमला मिर्च और खरीफ प्याज जैसी सब्जियों की खेती के लिए 45 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इन फसलों की खेती करने वाले किसानों को लागत का 75% से 90% तक अनुदान दिया जाएगा.
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