हमारे देश में पारंपरिक खेती का प्रचलन बहुत ही ज्यादा है. इससे किसान पैदावार अच्छी तो कर लेते हैं लेकिन उनकी कमाई बेहतर नहीं हो पाती है. ऐसे में किसानों की स्थिति को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुदान देती रहती है. इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में गन्ना के सफल उत्पादन के लिए किसानों को अनुदान देने का फैसला किया है. इससे किसानों की आर्थिक हालात बेहतर तो होगी ही और साथ ही राज्य बाहरी राज्यों को गन्ने की बिक्री भी कर सकेगा.
केले की खेती पर अनुदान
राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दे रही है और यह किसानों को पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक खेती पर जोर दे रहे हैं. प्रदेश सरकार किसानों को केले की खेती के लिए इस पर होने वाली लागत का 30 प्रतिशत अनुदान दें रही है. किसान केले की खेती एक बार करके लगातार दो वर्षों तक इसका लाभ उठा सकते हैं. सरकार अनुदान की राशि सीधे तौर पर किसानों के बैंक खाते में भेजेगी. इस योजना से किसानों को केले की फसल में होने वाली लागत के लिए पर्याप्त अनुदान तो मिलेगी ही और खेती में व्यय कम होने और उत्पादन ज्यादा होने से उनकी आर्थिक स्थित बेहतर बनेगी.
केले की खेती का तरीका
उत्तर प्रदेश के जिले बाराबंकी के उद्यान अधिकारी महेश कुमार ने बताया कि बागवानी मिशन के अंतर्गत राज्य के किसानों को केले की खेती पर अनुदान दिया जा रहा है. राज्य में पिछले 15 वर्षों से टिशू कल्चर के माध्यम से केले की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है.
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इस वर्ष बागवानी मिशन योजना के तहत किसानों को टिशू कल्चर के माध्यम से 90 हेक्टेयर के खेतों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है.
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