कृषि (Agriculture) भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के अहम क्षेत्रों में से एक है, जो भारत की आधी से अधिक आबादी को आजीविका प्रदान करती है. साल 2020-21 में, जब भारतीय अर्थव्यवस्था में 23.9% गिरावट दर्ज की गयी, तब कृषि एकमात्र ऐसा क्षेत्र था, जो 3.4% से अधिक की वृद्धि के साथ भारत की आर्थिक सुधार के लिए एक चांदी की परत के रूप में उभरा था.
एक तरह से यह देश की रीढ़ की हड्डी की तरह है. इसके साथ ही कृषि के विकास के लिए सार्वजनिक क्षेत्र (Public area) के समर्थन की बहुत आवश्यकता है. ऐसे में आज हम किसान भाईयों को ऐसी योजनाएं के बारे बताएंगे, जिससे उन्हें उन्नति मिल सकेगी.
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)- Paramparagat Krishi Vikas Yojana
परम्परागत कृषि विकास योजना महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं में से एक है, जो भारत में किसानों को पारंपरिक और जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करती है. इस योजना के तहत, भारत सरकार जैविक उत्पादों के जैविक आदानों, लेबलिंग, पैकेजिंग, परिवहन और मार्केटिंग के लिए किसानों को हर तीन साल में 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता प्रदान करती है.
यह योजना जैविक खाद, जैव उर्वरक और जैव कीटनाशकों को बढ़ावा देकर उर्वरकों और कृषि रसायनों के अति प्रयोग के दुष्प्रभावों को कम करने पर केंद्रित है. यह मिट्टी में कार्बनिक कार्बन में सुधार करके मिट्टी की उर्वरता में सुधार करने में मदद करता है जिसके परिणामस्वरूप खेत में नमी को सीझने की क्षमता भी बढ़ जाती है.
राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (NMSA)- National Mission on Sustainable Agriculture
कृषि को अधिक उत्पादक, टिकाऊ, लाभकारी और जलवायु लचीला बनाने के लिए, भारत सरकार ने वर्ष 2014-15 में राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए) की शुरुआत की. मिशन का अहम मकसद 'ऑन फार्म वाटर मैनेजमेंट' (ओएफडब्ल्यूएम) को आधुनिक तकनीकों जैसे सूक्ष्म सिंचाई और टिकाऊ जल प्रबंधन, कुशल जल खपत, बेहतर वितरण चैनलों को बढ़ावा देकर जल उपयोग दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से लागू किया गया है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)- Prime Minister Fasal Bima Yojana
हर साल सूखे, बाढ़ जैसी चरम मौसम की स्थिति किसानों की फसलों के आर्थिक नुकसान का कारण बनती हैं, इसलिए उन्हें इन दुष्प्रभावों से बचाने के लिए सरकार ने पिछली सभी फसल बीमा योजनाओं को मिलाकर, एक किफायती फसल बीमा प्रणाली प्रदान करके कृषि में उत्पादन का समर्थन करने के उद्देश्य से खरीफ 2016 सीजन से PMFBY शुरू की. केंद्र सरकार ने खरीफ 2017 सीजन से फसल बीमा लेने के लिए आधार अनिवार्य कर दिया है.
ई-नाम (e-Nam)
भारत सरकार ने कृषि के व्यापार के लिए मौजूदा कृषि मंडियों को एक आम ऑनलाइन बाजार मंच से जोड़ने के लिए 14 अप्रैल, 2016 को एक अखिल भारतीय पोर्टल, ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार लॉन्च किया था.
अब तक e-NAM ने 18 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 1,000 मंडियों को जोड़ा है. e-NAM का उद्देश्य लेन-देन की लागत को कम करना, सूचना विषमताओं को पाटना और किसानों और अन्य हितधारकों के लिए बाजार पहुंच के विस्तार में मदद करना है.
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)- Kisan Credit Card
किसानों को उनके कृषि व्यवसाय के लिए पर्याप्त और समय पर लोन देने के लिए, केंद्र सरकार ने वर्ष 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत, भारत सरकार बहुत ही रियायती दर पर कृषि लोन प्रदान करती है. साल 2019 के बाद से, केंद्र ने पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन किसानों को उनकी कार्यशील पूंजी की आवश्यकता के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के लाभों को भी बढ़ा दिया है.
पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PMSNY)- PM Kisan Samman Nidhi Scheme
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी. इस योजना के तहत, देशभर के सभी किसान परिवारों को हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में 6000 रुपये प्रति वर्ष की आय सहायता प्रदान की जाती है.साथ ही 2,000 रुपये का फंड सीधे किसान के परिवार के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है.
पीएम कुसुम (PM-Kusum)
कृषि सिंचाई के लिए डीजल और बिजली की खपत को कम करने के लिए 2019 को प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना को मंजूरी दी. पीएम कुसुम योजना का लक्ष्य 2022 तक 25,750 मेगावाट की सौर और अन्य नयी क्षमता को जोड़ना है. इसका लक्ष्य 20 लाख सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों की स्थापना करना है.
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