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मछली पालन पर 60 फीसद तक की सब्सिडी

आज के दौर में मछलियों का बाजार व्यापक है. एक समय था, जब मछलियों को तालाब, नदी या सागर के भरोसे रखा जाता था. परंतु बदलते दौर में वैज्ञानिक विधि का अनुसरण करते हुए मछली पालन के लिए कृत्रिम जलाशय बनाए जा रहे हैं.

विवेक कुमार राय
विवेक कुमार राय

आज भारत मत्स्य उत्पादक देश के रूप में उभर रहा है. आज के दौर में मछलियों का बाजार व्यापक है. एक समय था, जब मछलियों को तालाब, नदी या सागर के भरोसे रखा जाता था. परंतु बदलते दौर में वैज्ञानिक विधि का अनुसरण करते हुए मछली पालन के लिए कृत्रिम जलाशय बनाए जा रहे हैं. और इसे रोजगार का जरिया बनाया जा रहा है. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से भी  समय-समय पर अलग-अलग योजनाओं के तहत सब्सिडी मुहैया कराया जाता है. इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार की ओर से 'समेकित खेती योजना' की शुरुआत किया गया है.

दरअसल  उत्तराखंड में मछली उत्पादन से जुड़ी नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए 'समेकित खेती योजना' में मछली पालन को भी शामिल कर लिया गया है. अब तक कृषि, पशुपालन व उद्यान विभाग को ही इस योजना से जोड़ा गया था. समेकित खेती के लिए बनाए जा रहे टैंकों में मछली पालन भी किया जा सकेगा.

जिला योजना

जलाशयों का विकास प्राकृतिक जलस्रोतों में चयनित स्थलों पर उपयुक्त प्रजाति के मतस्य बीज का संचय एवं स्थानीय जनता के सहयोग से मत्स्य संरक्षण करना.

राज्य योजना

स्पेशल कम्पोनेंट प्लान- मैदानी क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के व्यक्तियों द्वारा तालाब निर्माण व मतस्य निवेश पर कुल लागत 7,00,000/- प्रति 1 है0 (यूनिट) पर 60 प्रतिशत अनुदान 4,20,000 /- प्रति 1 है0 देय है.

राज्य मात्स्यिकी इनपुट योजना

इस योजना के अन्तर्गत मत्स्य पालकों को उनकी मांगानुसार 50 प्रतिशत की अनुदान धनराशि पर गुणवत्तायुक्त पैलेटेड मत्स्य आहार की आपूर्ति की जाती है, साथ ही मत्स्य पालन कार्य में प्रयुक्त होने वाले जाल, हापा तथा हेण्डनेट भी आधे मूल्य पर मत्स्य पालकों को उपलब्ध कराये जाते है.

केन्द्रीय योजना:

;- ब्लू रिवोलूशन समन्वित मात्स्यिकी विकास एवं प्रबंधन कार्यक्रम अन्तर्गत मीठा जल मात्स्यिकी (नीली क्रान्ति योजना/ मिशन फिंगरलिंग) के तहत फिश सीड रियररिंग यूनिट्स का निर्माण

;-फिंगरलिंग मत्स्य बीज तैयार किये जाने हेतु मत्स्य बीज रियररिंग यूनिट निर्माण एवं निवेश हेतु अनुदान की सुविधा .

;-इन्फ्रा स्ट्रेक्टचर एवं मार्केटिंग( नीली क्रान्ति योजना) के तहत तालाबों में उत्पादित मछलियों को बाज़ार में पंहुचाने एवं बेचने हेतु मत्स्य पालकों को मानकानुसार अनुदान धनराशि में साईकिल विद आईस बाक्स दी जाती है.

इस योजना के बारें में और अधिक जानकारी के लिए आप उत्तराखंड के मत्स्य पालन वेबसाइट haridwar.nic.in/hi/मत्स्य-विभाग पर विजिट कर सकते है

English Summary: Subsidy upto 70 percent on fish farming Published on: 19 February 2019, 05:23 IST

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