अधुनिक समय में बैटरी चालित वाहनों का चलन काफी बढ़ गया है, इसलिए केंद्र व राज्य सरकारें भी बैटरी चालित वाहनों पर सब्सिडी प्रदान कर रही हैं. बैटरी चालित वाहनों के उपयोग से कई फायदे होते हैं, जैसे कि प्रदूषण कम होता है, साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी कम करते हैं. ऐसे में अधिकतर लोगों को इनका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
इसी कम्र में श्रमयोगियों के लिए एक विशेष योजना चलाई गई है. इसका नाम गो-ग्रीन योजना है. इसके तहत श्रमयोगियों को बैटरी चालित द्विचक्री वाहनों की खरीदारी पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी.
दरअसल, यह योजना गुजरात के श्रमयोगियों के लिए लागी की गई है. इस योजना की शुरुआत के लिए श्रम एवं रोजगार विभाग के गुजरात श्रमयोगी कल्याण बोर्ड और गुजरात मकान एवं अन्य निर्माण बोर्ड द्वारा की गई है. राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल द्वारा इस योजना की शुरुआत की गई है.
गो-ग्रीन योजना के तहत सब्सिडी (Subsidy under Go-Green Scheme)
इस योजना के तहत दोपहिया वाहन की खरीदारी पर 30 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी. यानि अधिकतम 30 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी. इसके साथ ही आरटीओ टैक्स एवं रोड टैक्स में भी सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा.
इस सब्सिडी का लाभ लेने के लिए श्रमयोगी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए गो-ग्रीन पोर्टल प्रारंभ किया गया है. इसका लोकार्पण भी मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल द्वारा किया गया है.
गो-ग्रीन योजना का उद्देश्य (Objective of Go-Green Scheme)
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इस योजना के लागू होने से कार्बन उत्सर्जन में गिरावट आएगी.
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श्रमयोगियों को आवाजाही में आसानी होगी.
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इसके साथ ही श्रमयोगियों का खर्चा कम होगा.
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श्रमयोगी भारत सरकार के ग्रीन इंडिया मिशन में भागीदार भी बन पाएंगे.
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इस मौके पर मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि हमेशा गुजरात सरकार श्रमयोगियों के साथ रही है. उनके हित में जरूरी कदम उठाए हैं. राज्य सरकार हमेशा श्रमयोगियों को जीवन जरूरी सुविधाएं मुहैया कराती रहेगी.
बता दें कि इस दौरान श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री ब्रिजेश मेरजा, श्रम एवं रोजगार विभाग एवं गुजरात श्रमयोगी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन सुनील सिंघी और श्रम एवं रोजगार विभाग के प्रधान सचिव अंजू शर्मा भी उपस्थित रहे.
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