
PM Kisan Samman Nidhi Yojana: देश के करोड़ों किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक बड़ी राहत और आर्थिक सहयोग का माध्यम बन चुकी है. केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को हर वर्ष ₹6,000 की आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिसे तीन किस्तों में किसानों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर किया जाता है. हर चार महीने में एक किस्त दी जाती है, और प्रत्येक किस्त की राशि ₹2,000 होती है.
2 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान इस योजना की 20वीं किस्त जारी की. इस अवसर पर लगभग 9.7 करोड़ किसानों को कुल ₹20,500 करोड़ रुपये की धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी गई. लेकिन इसके बावजूद लाखों किसानों के मन में एक सवाल खड़ा हो गया है - उनके खाते में अब तक पैसा क्यों नहीं पहुंचा?
आपके खाते में पीएम किसान की किस्त क्यों नहीं आई?
अगर आपके खाते में अभी तक योजना की 20वीं किस्त की रकम नहीं आई है, तो इसके पीछे कई तकनीकी या दस्तावेजी कारण हो सकते हैं, जिन्हें समय रहते सुधारकर आप अपनी अटकी हुई राशि प्राप्त कर सकते हैं.
-
सबसे प्रमुख कारण यह हो सकता है कि आपने अब तक e-KYC की प्रक्रिया पूरी नहीं की है. सरकार ने अब इस योजना के तहत e-KYC अनिवार्य कर दिया है, ताकि सही लाभार्थियों की पहचान की जा सके और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके. यदि आपने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो आपकी किस्त रोकी जा सकती है.
-
इसके अलावा, जमीन से जुड़ी जानकारी यानी Land Records का डिजिटल वेरिफिकेशन (Land Seeding) भी एक अनिवार्य प्रक्रिया है. यदि यह प्रक्रिया लंबित है या दस्तावेजों में कोई गड़बड़ी है, तो भी आपकी किस्त आपके खाते में नहीं आएगी.
-
कई बार आवेदन करते समय किसानों द्वारा आधार नंबर, बैंक खाता नंबर या मोबाइल नंबर जैसी जरूरी जानकारियों को भरने में त्रुटि हो जाती है. यह एक सामान्य लेकिन महत्त्वपूर्ण कारण है, जिससे भुगतान रुक सकता है.
इसके साथ ही, अगर आपका बैंक खाता आपके आधार नंबर से लिंक नहीं है, या बैंक अकाउंट निष्क्रिय (Inactive) हो चुका है, तो DBT के तहत राशि ट्रांसफर नहीं हो पाएगी. अंतिम कारण यह हो सकता है कि आपका नाम योजना की लाभार्थी सूची में ही नहीं है, या आपका नाम सूची से हट गया है.
कैसे चेक करें कि आपकी किस्त आई है या नहीं?
-
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी 20वीं किस्त आई है या नहीं, तो इसके लिए पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट gov.in पर जाएं. इस वेबसाइट पर "Farmers Corner" सेक्शन में जाएं और वहां उपलब्ध "Beneficiary Status" विकल्प पर क्लिक करें.
-
इसके बाद आपको आधार नंबर, पंजीकरण संख्या या मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा. फिर आपको एक OTP प्राप्त होगा, जिसे दर्ज करने के बाद आपका स्टेटस स्क्रीन पर दिखेगा. यहां से आप साफ तौर पर जान सकेंगे कि आपकी किस्त आई है या नहीं, और यदि नहीं आई है तो किस कारण से अटकी हुई है.
-
अगर आपको अपना रजिस्ट्रेशन नंबर याद नहीं है, तो वेबसाइट पर "Know Your Registration Number" विकल्प की मदद से आप यह जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए आपका आधार नंबर या मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा.
क्या करें अगर किस्त नहीं आई और स्टेटस भी क्लियर नहीं है?
-
अगर आपने Beneficiary Status चेक कर लिया है और वहां पर सब कुछ सही दिख रहा है, फिर भी आपके खाते में पैसे नहीं आए हैं, तो आपको संबंधित विभाग से संपर्क करना चाहिए. इसके लिए सरकार ने कई हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी जारी की है.
-
आप पीएम किसान योजना के टोल-फ्री नंबर 155261 या 1800-11-5526 पर कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा दिल्ली कार्यालय के लिए नंबर 011-23381092 भी उपलब्ध है. अगर आप मेल भेजना चाहते हैं, तो [email protected] पर अपनी समस्या के साथ ईमेल करें. किसानों के लिए विशेष रूप से 1800-180-1551 नंबर पर किसान कॉल सेंटर भी उपलब्ध है, जहां से आप तत्काल सहायता प्राप्त कर सकते हैं.
-
शिकायत करते समय यह सुनिश्चित करें कि आपके पास आधार कार्ड, बैंक पासबुक, आवेदन की प्रति और जमीन के दस्तावेज उपलब्ध हों. इससे आपकी पहचान और समस्या का समाधान जल्दी होगा.
पीएम किसान योजना का उद्देश्य और लाभ
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है. खेती-किसानी के लिए आवश्यक खर्चों को थोड़ा आसान बनाने के लिए यह योजना वर्ष 2019 में शुरू की गई थी. इसके तहत पात्र किसानों को हर साल ₹6,000 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. यह सहायता राशि साल में तीन बराबर किस्तों में - अप्रैल से जुलाई, अगस्त से नवंबर और दिसंबर से मार्च - किसानों के खातों में सीधे ट्रांसफर की जाती है.
इस योजना के तहत मिलने वाली मदद बिना किसी बिचौलिए के सीधे लाभार्थी के खाते में जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं रहती.
Share your comments