
बागवानी किसानों के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी अपने स्तर पर कई तरह के आर्थिक रूप से मदद करती है. इसी क्रम में हरियाणा सरकार ने हाल ही में छोटे व कमजोर वर्ग के किसानों के लिए ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ /Mukhyamantri Bagwani Bima Yojana को शुरू किया है. इस सरकारी स्कीम का लाभ पाने के लिए राज्य के किसान 31 जुलाई तक अपना पंजीकरण कर सकते हैं. बता दें कि सरकार ने पहले इसकी अंतिम तिथि 31 मई, 2025 तय की थी. लेकिन अभी भी ऐसे कई किसान हैं, जिन्होंने इस योजना में रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, इसलिए सरकार ने इसकी अंतिम तिथि को आगे बढ़ा दिया है.
ऐसे में आइए हरियाणा सरकार की इस स्कीम से जुड़ी हर एक डिटेल के बारे में जाने हैं ताकि आप सरलता से इसका लाभ उठा पाएं.
केवल ढाई प्रतिशत प्रीमियम में बीमा
बागवानी विभाग के संयुक्त निदेशक सुधीर यादव के अनुसार, इस योजना में फल और सब्जी उगाने वाले किसानों को फसल बीमा के लिए सिर्फ ढाई प्रतिशत किस्त देनी होगी.
- सब्जी किसानों को: 750 रुपये/एकड़
- फल किसानों को: 1000 रुपये/एकड़
यह राशि बैंक खाते से सीधे कटेगी, जिससे आवेदन प्रक्रिया सरल हो जाएगी.
मुआवजे की राशि भी तय
यदि किसान की फसल को 100 प्रतिशत तक नुकसान होता है तो सरकार मुआवजा देगी:
- सब्जियों के लिए: ₹30,000 प्रति एकड़
- फलों के लिए: ₹40,000 प्रति एकड़
यह मुआवजा प्राकृतिक आपदाओं या अन्य कारणों से फसल खराब होने पर किसानों को आर्थिक संबल देगा.
कैसे करें आवेदन?
किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए 'मेरी फसल, मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. पोर्टल पर पंजीकरण, फसल विवरण, भूमि का ब्यौरा और अन्य जानकारी देना आवश्यक है.
मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल क्या है?
यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जहां किसान फसल पंजीकरण से लेकर बीज, खाद, लोन, सब्सिडी और बीमा जैसी सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर प्राप्त कर सकते हैं. यह पोर्टल किसानों के लिए सरकारी योजनाओं का सीधा जरिया है, जिन किसानों ने अभी तक आवेदन नहीं किया है, वे 31 जुलाई से पहले जल्द से जल्द आवेदन करें और प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से बचाव पाएं.
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