भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है, इसलिए कृषि क्षेत्र (Agricultural Sector) को विभिन्न माध्यमों के जरिए सशक्त बनाया जा रहा है. सभी जानते हैं कि हमारे किसान भाई देश की रीढ़ हैं, उनकी दशा ही देश के हालात को व्यक्त करती है.
ऐसे में कम लागत में अच्छी उपज के लिए उन्नति की अति आवश्यक है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृषि मशीनरी (Agricultural Machinery) की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए केंद्र सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं. आज हम कृषि मशीनरी की सब्सिडी पर चर्चा करने वाले हैं.
चूंकि, कृषि मशीनरी (Agricultural Machinery) महंगी होती हैं और छोटे वर्ग के किसान ऐसी कृषि मशीनरी (Agricultural Machinery) को वहन नहीं कर सकता है. ऐसे में केंद्र सरकार ने निम्न कृषि मशीनरी सब्सिडी योजना शुरू कर रखी हैं.
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (National Agricultural Development Scheme)
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एक राज्य योजना है, जिसके तहत किसानों को शत प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है. केंद्र सरकार द्वारा 29 मई, 2007 को योजना की शुरूआत की गई थी. इसका मकसद कृषि जलवायु, प्राकृतिक संसाधन और प्रौद्योगिकी को ध्यान में रखकर कृषि का विकास करना है.
इसके आधार पर जिला एवं राज्यों के लिए कृषि योजनाएं बनाई जाती है. कृषि मशीनरी की बात करें, तो इसके तहत फार्म मशीनीकरण, उन्नत व महिला अनुकूल उपकरणों, औजारों के लिए सहायता प्रदान की जाती है. बता दें कि आरकेवीवाई स्कीम कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना के लिए सीमित होनी चाहिए.
कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (Sub-Mission on Agricultural Mechanization)
इस योजना को छोटे और सीमांत किसानों की मदद के लिए शुरू किया गया है. इसके माध्यम से किसानों को सशक्त बनाया जाता है. इसके लिए भारत सरकार की तरफ से कृषि मशीनीकरण की विभिन्न गतिविधियों.
कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (Sub-Mission on Agricultural Mechanization)
इस योजना को छोटे और सीमांत किसानों की मदद के लिए शुरू किया गया है. इसके माध्यम से किसानों को सशक्त बनाया जाता है.
इसके लिए भारत सरकार की तरफ से कृषि मशीनीकरण की विभिन्न गतिविधियों. जैसे कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि मशीनरी बैंक, हाई-टेक हब की स्थापना और वितरण के लिए धनराशि जारी की जाती है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (National Food Security Mission)
इस योजना के तहत कृषि उत्पादकता में सुधार लाया जाता है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि नए कृषि यंत्र खरीदने की बजाय पुरानी मशीनरी को बेहतर बनाया जाए. इस पर ध्यान केंद्रित किया जाए, क्योंकि कृषि मशीनरी (Agricultural Machinery) का निरंतर उपयोग करने से कुछ खामियां तो जरूर आ जाती हैं. ऐसे में आप राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत कृषि मशीनरी से जुड़ा लाभ उठा सकते हैं.
नाबार्ड ऋण (Nabard Loan)
जानकारी के लिए बता दें कि नाबार्ड योजना (Nabard Loan) के तहत ट्रैक्टर की खरीद पर 30 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है. इसके अलावा अन्य कृषि मशीनरी (Agricultural Machinery) के लिए 100 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है.
इस तरह किसानों को खेती करने के लिए बहुत आसानी से कृषि मशीनरी (Agricultural Machinery) उपलब्ध हो जाते हैं और कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ाने का एक अवसर प्राप्त होता है.
कृषि मशीनरी पर सब्सिडी मिलने का तरीका
कृषि मशीनरी पर सब्सिडी (Agricultural Machinery Subsidy) की प्रक्रिया को 2 तरह से निपटाया जाता है. पहला प्रत्यक्ष नकद सब्सिडी और दूसरा अप्रत्यक्ष सब्सिडी. प्रत्यक्ष एक नकद के रूप में है, जो कि किसानों के लिए काफी सहायक है, तो वहीं अप्रत्यक्ष सब्सिडी कृषि आय को कर-मुक्त आय बनाकर है.
किसान भाई ध्यान दें कि कृषि मशीनरी पर सब्सिडी पाने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण आधार कार्ड, वोटर आईडी, वोटर कार्ड, बैंक से कॉपी (स्टेटमेंट), खाता विवरण, पैन कार्ड, संपर्क जानकारी, नाम और जन्म तिथि, आवेदन पत्र और भुगतान रसीद आदि शामिल है.
भारत सरकार द्वारा तमाम कृषि मशीनरी (Agricultural Machinery) से जुड़ी योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. इन योजनाओं को विभिन्न स्तरों पर आवश्यकता और उत्पन्न स्थितियों के अनुसार शुरू किया गया है. इसके जरिए किसान बहुत आसानी से खेती कर सकते हैं, साथ ही अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं.
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