भारत एक कृषि प्रधान देश है, करीब 60% आबादी की आजीविका खेती पर निर्भर है, किसानों को खेती का मालिक भी कहा जाता है, क्योंकि ये कृषि के विकास-विस्तार के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं, ऐसे में किसानों का काम आसान बनाने के लिए सरकार और कृषि वैज्ञानिक मिलकर किसानों को तकनीक और मशीनीकरण से जोड़ रहे हैं. जिससे किसानों की मेहनत, पैसा, समय और संसाधन बचाए जा सके और कम लागत में फसलों का बढ़िया उत्पादन मिल सके, साथ ही बाजार में भी किसानों की उपज सही दामों पर बिक सके. इसलिए खेती से जुड़े लगभग हर काम के लिए सरकार ने योजनाएं चलाई है और ऐसी ही टॉप 5 योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं.
1.किसान क्रेडिट कार्ड योजना
पैसों की तंगी की समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना बनाई है, जिसके तहत किसानों को बेहद कम ब्याज दर पर लोन मिलता है, समय पर लोन चुकाने पर ब्याज पर छूट भी मिलती है. योजना का लाभ लेने के लिए किसान किसी भी वित्तीय संस्थान में जाकर क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर लाभ ले सकते हैं.
2.प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना-
कई बार किसानों को कीट-रोग या प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल में नुकसान होता है, ऐसे में इस नुकसान को कम करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई है, जिसमें जुड़कर किसान फसल का बीमा करवा सकते हैं. फसल का बीमा होने से किसान को कटाई के 14 दिन बाद तक फसल में कोई नुकसान होने पर 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी से क्लेम मिल सकता है. इस योजना में किसान के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार भी योगदान देती हैं.
3.प्रधानमंत्री कुसुम योजना-
इस योजना के तहत किसान चाहें तो आवेदन करके अपने खेत में सोलर पंप लगवा सकते हैं, सौर ऊर्जा से सिंचाई का काम आसान हो जाएगा साथ ही बिजली की बचत होगी और सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली को बेचकर किसान अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं. सोलर पंप लगवाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें 30-30 फीसदी अनुदान देती हैं. बाकी 30 प्रतिशत के लिए नाबार्ड और दूसरी संस्थाओं से लोन ले सकते हैं. इस तरह किसान अपनी जेब से सिर्फ 10 प्रतिशत पैसा देकर सोलर पंप लगवा सकते हैं लोन की रकम सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली बेचकर भी दे सकते हैं ये सोलर पंप अगले 25 साल तक कामयाब होंगे.
4. राष्ट्रीय पशुधन मिशन-
बदलते दौर में अच्छी कमाई के लिए मल्टी-टास्किंग होना जरूरी है ऐसे में फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन, मछली पालन या मुर्गी पालन या एकीकृत खेती के मॉडल से जुड़ने की हिदायत दी जाती है. कई किसानों ने एकीकृत कृषि मॉडल पर काम करके कम समय में ही सफलता हासिल कर ली है. काम की बात यह है कि पशुओं को खरीदने या इनकी एक यूनिट लगाने के लिए सरकार राष्ट्रीय पशुधन मिशन और डेयरी उद्यमिता स्कीम के तहत अनुदान भी देती है.
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5.राष्ट्रीय बागवानी मिशन
बदलती जलवायु से पारंपरिक फसलों में नुकसान बढ़ रहा है अनाजों का उत्पादन कम हो रहा है, इसलिए किसानों को सब्जी, फल, औषधी जैसी बागवानी फसलें उगाने के लिए सरकार प्रेरित कर रही है. सब्जी की फसल, फलों के पेड़ और औषधियों की खेती करने के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत ट्रेनिंग, अनुदान और लोन दिया जा रहा है, स्कीम में आवेदन करके पॉलीहाउस, ग्रीन हाउस या लो टनल जैसे संरक्षित ढांचे लगाए जा सकते हैं. जिनमें सब्जियां समय से पहले पक जाती हैं. इसके अलावा सब्जियों की उत्पादकता बढ़ने से किसानों को अच्छी आमदनी मिलती है.
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