खेतों में फसल की कटाई के बाद बची पराली को अधिकाँश किसान जला देते है. इससे प्रदूषण फैलता है. दिल्ली और हरियाणा में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का ख़तरा बढ़ता जा रहा है. हरियाणा सरकार ने पराली जलाने (Stubble Burning) की समस्या से किसानों को निजात दिलाने के लिए एक योजना बनायी है. जिससे पराली को जलाने की जरूरत नहीं होगी एवं इससे होने वाले प्रदूषण से भी लोगों को निजात मिलेगी.
हरियाणा सरकार ने किसानों को आर्थिक मदद देने का फैसला किया है. किसानो के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि देने की एक योजना बनाई है जिसके तहत किसान खेतों में पड़ी पराली को स्ट्रा बेलर की मदद से गांठ या बेल बनाकर इसे इंडस्ट्रियल यूनिट्स यानि औद्योगिक इकाइयों में देते हैं तो उन्हें हरियाणा सरकार 1000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी. बता दें कि स्ट्रा बेलर एक मशीन है जो आसानी से खेत में पड़ी पराली का गठ्ठर बना देती है.
योजना का उद्देश्य –Objective of the scheme
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुसार अगर खेतों में पड़ी पराली को स्ट्रा बेलर की मदद से गांठ या बेल बनाकर इसे इंडस्ट्रियल यूनिट्स यानि कि औद्योगिक इकाइयों में किसान भाई देते हैं तो उन्हें सरकार 1000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी. जिसके लिए हरियाणा सरकार ने 230 करोड़ रुपये का बजट बनाया है.
योजना आवेदन करने की प्रक्रिया (Procedure to apply for the scheme)
विभाग के अनुसार यह राशि 50 रुपये प्रति क्विंटल एवं 20 क्विंटल प्रति एकड़ पराली उत्पादन को मानते हुए किसानों को प्रदान की जाएगी. इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसानों को आधिकारिक वेबसाइट http://agriharyana.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.
इसके साथ ही सरकार ने यह योजना उद्योग के लिए भी लागू की है जिससे कि यदि कोई उद्योग सूक्ष्म, लघु,मध्यम उद्यम व अन्य औद्योगिक इकाइयां जो पराली के बेलों का उपयोग करती हैं वह भी, वित्त वर्ष 2021-22 में पराली गांठों और बेलों की आवश्यकतानुसार अपना रजिस्ट्रेशन भी agriharyana.gov.in पर करवा सकती है.
इसके साथ ही स्कीम से जुडी कोई भी परेशानी अगर किसी किसान को होती है तो वह किसान कृषि अधिकारी या टोल फ्री नंबर 18001802117 पर संपर्क कर सकता हैं.
ऐसी ही कृषि से सम्बंधित योजनायें जानने और पढ़ने के लिए कृषिं जागरण हिंदी पोर्टल की ख़बरें पढ़ते रहिये.
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