पान की खेती नगदी की फसल मानी जाती है. देश के कई राज्यों के किसान पान की खेती करके मुनाफा कमा रहे हैं. पान के खेती को बढ़ावा देने के लिए कुछ प्रावधानों के आधार पर सबंधित राज्य सरकार किसानों को सब्सिडी भी देती हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार पान किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी दे रही है. दरअसल, 500 वर्ग मीटर के बरेजे (पान के खेत) की औसतन लागत 50 हजार रुपये आती है. इस हिसाब से किसानों को पच्चीस हजार रूपए की अनुदान राशि दी जाएगी. सोमवार को उद्यान विभाग के अधिकारियों ने बांदा जिले के इकलौते पान उत्पादन करने वाले गांव 'बरईमानपुर' में किसानों के साथ बैठक कर उन्हें सरकार की इस योजना से अवगत कराया.
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बता दें कि बरईमानपुर गांव में करीब डेढ़ दशक पहले तक बड़े पैमाने पर पान की खेती होती थी, लेकिन सिंचाई समस्या व घाटे की वजह से किसानों ने पान की खेती करना छोड़ दिया. अब बरईमानपुर गांव में पान की खेती को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार सब्सिडी दे रही है.
सोमवार को बरईमानपुर गांव पहुंचे जिला उद्यान अधिकारी परवेज खां व अपर सांख्यिकी अधिकारी शिवेंद्र सिंह बघेल ने किसानों को इसके लिए प्रेरित किया. हालांकि इस दौरान किसानों ने सब्सिडी बढ़ाने की मांग की. जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि 'राष्ट्रीय कृषि विकास योजना' के अंतर्गत 'पान विकास प्रोत्साहन योजना' से वित्तीय वर्ष 2018-19 में बरेजा बनाने के लिए 30 किसानों को प्रति किसान 25,226 रुपये का अनुदान दिया जाएगा.
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बरेजे की कुल लागत 50,453 रुपये निर्धारित है. इसके लिए किसानों को कृषि विभाग की वेबसाइट www.uphorticulture.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा. 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर किसानों का चयन किया जाएगा. सबसे पहले उन किसानों को वरीयता दी जाएगी जो पोर्टल पर पहले आवेदन करेंगे.
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