अगर किसान को खेती-बाड़ी में आने वाली उपयोगी चीजें आसानी से उपलब्ध हो जाएं, तो वह कम लागत में अधिक मुनाफ़ा कमा सकता है. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. आज राज्य सरकार और केंद्र सरकार कृषि यंत्र, खाद बीज और खेती से जुड़ी हर चीज पर सब्सिडी देती है, लेकिन एक ऐसी योजना भी है, जिसके तहत किसानों को खेती करने पर भी सब्सिडी दी जा रही है.
दरअसल, भारत सरकार ने एक योजना चलाई है, जिसके तहत किसानों को खेती करने पर सरकार सब्सिडी देती है. सभी जानते हैं कि आज बढ़ती जनसंख्या की वजह से किसानों के खेतों का आकार छोटा होता जा रहा है. इस कारण किसान को खेती करने में बहुत-सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. रिपोर्टस के मुताबिक, भारत में प्रति परिवार खेत की जोत 1.08 हेक्टेयर है, जो अब और भी कम हो गई है, तो दूसरी तरफ मौसम और जलवायु परिवर्तन की वजह से किसानों की फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिसका पूरा असर उनकी आय पर होता है. बस इन्हीं सब समस्याओं को ध्यान में रखकर सरकार ने समेकित कृषि प्रणाली योजना चलाई है.
क्या है समेकित कृषि प्रणाली योजना
इस योजना के तहत किसान कम ज़गह में खेती करके कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकता है. इसमें सामूहिक रूप से क्षेत्र का विकास करके खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, साथ ही किसानों को खेती करने पर सब्सिडी दी जा रही है. खास बात है कि इस योजना में मछली पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, पशुपलान, खेती-बाड़ी और बागवानी को बढ़ावा दिया जा रहा है.
कितनी दी जाएगी सब्सिडी
भारत सरकार के द्वारा इस योजना को चलाया जा रहा है. किसानों को कृषि प्रणाली के अंतर्गत मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 25 हजार रूपये, पशुधन आधारित कृषि प्रणाली के अंतर्गत मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 40 हजार रुपये और फसल आधारित कृषि प्रणाली के अंतर्गत मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 15 हजार रुपये सब्सिडी पेरिफ़ेरल प्लान्टेशन के साथ प्रति हेक्टेयर की दर से दी जाएगी.
किन किसानों को मिलेगी प्राथमिकता
इस योजना के तहत एक लाभार्थी को अधिकतम 2 हेक्टेयर तक के लिए ही सब्सिडी दी जएगी. इस योजना की 50 प्रतिशत राशि लघु और सीमांत किसानों पर खर्च की जाएगी, जिनमें से कम से कम 30 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हो सकती हैं, तो वहीं अनुसूचित जाति के 16 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के 1 प्रतिशत किसानों को लाभ दिया जाएगा.
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