केंद्र व राज्य सरकार समय-समय पर किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए अलग-अलग योजनाओं के अंतर्गत योजनाएं लाती रहती हैं. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार की ओर से किसानों का खेती की ओर झुकाव बढ़ाने और आय में वृद्धि के लिए सब्सिडी पर सोलर पंप दिया जा रहा है. हालांकि इसके लिए किसान अपनी रूचि नहीं दिखा रहे है. दरअसल राजस्थान सरकार ने किसानों को कृषि के लिए अपने स्तर पर ही आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'नेहरू सोलर पंप' परियोजना शुरू की है. इसके तहत किसानों को 60 फीसदी तक अनुदान देने की भी घोषणा हुई. इसके बावजूद राजस्थान के दुर्गापुर जिले के काश्तकारों में इस योजना को लेकर कोई विशेष रूची नहीं है.
गौरतलब है कि दुर्गापुर जिले के अभीतक सिर्फ 32 किसान सोलर पंप के लिए आवेदन किए हैं. जबकि, यहां एक लाख से ज्यादा किसान है और बिजली की समस्या से काफी परेशान है. किसानों के साथ अधिकारियों का भी यही मानना है कि यहां किे किसानों की स्थिति इतनी भी अच्छी नहीं है कि वो सोलर पंप की इस योजना के तहत अपने हिस्से में आने वाली 40 फीसदी राशि भी खर्च कर सके. ऐसे में कृषि को बढ़ावा देने वाली 'नेहरू सोलर पंप' परियोजना भी किसानों को कोई खास राहत नहीं दे रही हैं.
क्या है योजना
1 हेक्टेयर से ज्यादा की जमीन होने पर 5 हॉर्स पावर का सोलर मिलता है. इसकी कीमत सरकार ने योजना के तहत 3 लाख 55 हजार 726 रुपये है। ऐसे में अनुदान के लिए 5 हॉर्स पावर की मोटर वाले किसानों को भी अपने मद की 40 फीसदी राशि के रूप में करीब डेढ़ लाख रुपये अदा करने होते है. इतनी बड़ी रकम हर किसी के वश की बात नहीं हैं. 32 सोलर पंप के लिए जिले में एससी (SC ) वर्ग के 6, एसटी (ST ) वर्ग के 8, ओबीसी (OBC ) व सामान्य (Gen ) वर्ग के लिए 18 सोलर पंप स्वीकृत हुए हैं.
बता दे कि राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही इस योजना से किसानों को बिजली के लिए आत्मनिर्भर बनाना था. इस परियोजना के तहत सब्सिडी की राशि को किसानों को एक साथ पूरी जमा करानी पड़ती हैं. सब्सिडी राशि के लिए बैंक से कर्ज भी नही मिलता है. इस वजह से किसान इस परियोजना में अपनी रूचि दिखा नहीं रहे है.
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