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अब बिना खर्चे के कराएं बोरिंग, किसानों को 10,000 रुपए तक मिलेगा अनुदान, ऐसे उठाएं योजना का लाभ

उत्तर प्रदेश सरकार की नि:शुल्क बोरिंग योजना लघु एवं सीमांत किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई है. इस योजना के तहत किसानों को मुफ्त बोरिंग की सुविधा और सब्सिडी दी जाती है, जिससे उनकी आय बढ़े और वे आत्मनिर्भर बन सकें.

लोकेश निरवाल
लोकेश निरवाल
Free Boring Yojana
खुशहाल किसान, समृद्ध प्रदेश! नि:शुल्क बोरिंग योजना से लघु और सीमांत किसानों को सिंचाई में राहत (सांकेतिक तस्वीर)

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के हित में लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है ताकि कृषि को लाभकारी और किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके. इसी क्रम में सरकार द्वारा नि:शुल्क बोरिंग योजना  चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य लघु एवं सीमांत किसानों को सिंचाई की समस्या से राहत दिलाना है.

प्रदेश सरकार का नारा "खुशहाल किसान, समृद्ध प्रदेश" अब धीरे-धीरे जमीन पर उतरता नजर आ रहा है. किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को आसान बनाने के लिए सरकार ने ट्यूबवेल और बोरिंग जैसी सिंचाई सुविधाओं को मुफ्त में उपलब्ध कराने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं.

क्या है नि:शुल्क बोरिंग योजना?

यह योजना खासतौर पर उत्तर प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों  के लिए चलाई जा रही है, जिनके पास सिंचाई के साधनों की कमी है. इस योजना के तहत किसानों को बिना किसी शुल्क के बोरिंग की सुविधा  उपलब्ध कराई जा रही है. इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई के लिए जल स्रोत तैयार करना और किसानों को निजी ट्यूबवेल के माध्यम से जल आपूर्ति सुनिश्चित करना है.

योजना की प्रमुख विशेषताएं

  • योजना का लाभ केवल उत्तर प्रदेश के स्थायी नागरिकों को मिलेगा.
  • केवल लघु एवं सीमांत किसान ही आवेदन कर सकते हैं.
  • सामान्य, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसान भी इस योजना के पात्र हैं.
  • बोरिंग के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.
  • निजी ट्यूबवेल के माध्यम से सिंचाई की निःशुल्क व्यवस्था की गई है.
  • योजना का उद्देश्य जल उपलब्धता बढ़ाकर फसल उत्पादन में वृद्धि करना है.

कौन कर सकता है आवेदन?

इस योजना के लिए आवेदन करने वाले किसान को उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना आवश्यक है. साथ ही उसके पास जमीन का वैध दस्तावेज होना चाहिए. लघु किसान वे होते हैं जिनके पास 1 से 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि होती है, जबकि सीमांत किसानों के पास 1 हेक्टेयर से कम भूमि होती है.

कैसे करें आवेदन?

  • इच्छुक किसान ऑनलाइन पोर्टल या अपने क्षेत्र के कृषि विभाग कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं.
  • आवेदन पत्र के साथ भूमि के दस्तावेज, पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र और पासबुक की छायाप्रति संलग्न करनी होगी.
  • पात्रता की जांच के बाद किसान को योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा.

सरकार का दृष्टिकोण

प्रदेश सरकार का मानना है कि यदि किसानों को सिंचाई के समुचित साधन उपलब्ध कराए जाएं, तो वे बेहतर पैदावार कर सकते हैं और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकते हैं. इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा.

फ्री बोरिंग योजना में कितनी मिलेगी सब्सिडी?

राज्य सरकार की फ्री बोरिंग योजना का फायदा छोटे और जरूरतमंद किसानों को मिलेगा. इसमें सब्सिडी इस तरह दी जाएगी:

  • लघु किसान (Small Farmer): ₹5,000
  • सीमांत किसान (Marginal Farmer): ₹7,000
  • अनुसूचित जाति/जनजाति किसान: ₹10,000

नोट: पंपसेट की व्यवस्था किसान को खुद करनी होगी.

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज:

अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो ये दस्तावेज आपके पास होने चाहिए:

  • आधार कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र (SC/ST के लिए)
  • बैंक पासबुक की कॉपी
  • मोबाइल नंबर (आधार से लिंक हो)
  • पासपोर्ट साइज फोटो

कैसे करें आवेदन?

  • यूपी सरकार की फ्री बोरिंग योजना की वेबसाइट पर जाएं:
  • वहां से आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें.
  • फॉर्म को सही-सही भरें और जरूरी दस्तावेज लगाएं.
  • फिर अपने जिले के लघु सिंचाई विभाग में जाकर जमा करें.
  • जांच के बाद अगर सब कुछ ठीक रहा तो आपको योजना का लाभ मिल जाएगा.
  • इसके अलावा आप चाहे तो अपने जिले के लघु सिंचाई विभाग से संपर्क कर सकते हैं.
English Summary: free boring plan farmers subsidy up to Rs 10000 advantage UP Sarkar Yojana Update Published on: 06 May 2025, 03:22 IST

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