देश में कई जगहों पर भारी बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. दूसरी तरफ, कुछ ऐसे भी राज्य हैं, जहां पर्याप्त मात्रा में बारिश ना होने कारण सूखा पड़ने के आसार हैं. जिनमें बिहार भी शामिल है. यहां मॉनसून आने के बावजूद बेहद कम बारिश हो रही है. जिसके चलते सूखे का अनुमान लगाया जा रहा है. बिहार में बड़े पैमाने पर धान की खेती होती है. जिसमें पानी की अत्यधिक आवश्यकता पड़ती है. लेकिन बारिश कम होने की वजह से यहां के किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसको देखते हुए सरकार ने भी इस समस्या से निपटने की तरकीब खोज ली है. आइए जानें क्या है राज्य सरकार का प्लान.
खराब होने के कगार पर फसल
बारिश कम होने की वजह से बिहार में कुछ जगहों पर धान की फसल लगभग खराब होने की कगार पर है. ऐसे में किसान धान की जगह किसी दूसरी फसल को खेत में लगाने पर विचार करने लगे हैं. वहीं, सरकार भी बारिश की समस्या को देखते हुए किसानों को हर तरह से फायदा पहुंचाने के लिए तत्पर है. दरअसल, बिहार सरकार धान की जगह वैकल्पिक फसलों को खेत में लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. सूखा घोषित होने के बाद किसानों को सरकार की तरफ से 15 वैकल्पिक फसलों का बीज मुफ्त में दिया जाएगा.
इच्छुक किसानों को मिलेगा बीज
बता दें कि किसानों को वैकल्पिक फसलों के बीज आकस्मिक फसल योजना के तहत दिया जाएगा. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि बीज उन्हीं सूखाग्रस्त पंचायतों के किसान को मिलेगा, जो उन फसलों की खेती करने के इच्छुक होंगे. वहीं, मांग के हिसाब से किसानों के लिए बीज उपलब्ध कराया जाएगा. बीजों का वितरण बिहार बीज निगम की तरफ से होगा. कृषि विभाग सूखाड़ से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. अधिकारी सूखे की स्थिति पर लागातर नजर रख रहे हैं.
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बता दें कि कम बारिश की वजह से किसानों को धान की जगह औषधीय पौधे, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की खेती करने की सलाह दी जा रही है. वहीं, जिन 15 फसलों के बीज बिहार सरकार बांटेगी. उनमें अरहर, तोरिया, उड़द, सरसों की अगेती किस्म, मक्के का संकर बीज, मटर के अगेती किस्म, भिंडी, मूली, कुल्थी, मडुआ, सांवा, कोदो, ज्वार, बरसीम धान की कुछ किस्में शामिल हैं.
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