Dairy Yojana: खेती-बाड़ी के साथ-साथ इन दिनों डेयरी व्यवसाय भी खूब फल फूल रहा है. अच्छा मुनाफा होने के चलते किसान अब डेयरी फार्मिंग कर रहे हैं. डेयरी एक ऐसा व्यवसाय है जिसे सबसे कम दो गाय या दो भैंस के साथ शुरू किया जा सकता है. इसमं पूंजी भी कम लगती है. फिर धीरे-धीरे इसे आप बढ़ा सकते हैं. डेयरी फार्मिंग की ओर किसानों के बढ़ते रुझान की एक बड़ी वजह सरकारी योजनाएं भी हैं. जिनसे किसानों को काफी लाभ मिल रहा है. इन योजनाओं का मकस्द पशुपालन के क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ाकर, उनकी आय दोगुनी करने का है. ऐसे में अगर आप भी डेयरी व्यवसाय शुरू करके अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो इस खबर में हम आपको सरकार की एक ऐसी योजना के बारे बताएंगे, जिससे आपको काफी फायदा होगा.
दरअसल, नाबार्ड की तरफ से युवाओं और किसानों डेयरी बिजनेस करने के लिए डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट स्कीम के लोन और सब्सिडी दी जा रही है. इस स्कीम के तहत किसान भाइयों को डेयरी उद्योग खोलने के लिए आर्थिक सहाता प्रदान की जाएगी. आइए आपको योजना के बारे में विस्तार से बताते हैं.
क्या है डेयरी उद्यमिता विकास योजना
डेयरी उद्यमिता विकास योजना (DEDS) एक सरकारी योजना है जो किसानों और पशुपालकों को डेयरी व्यापार में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करती है. इस योजना के तहत छोटी डेयरी इकाइयों के लिए लोन उपलब्ध होते हैं जो उन्हें अधिक उत्पादक बनाने और उनके लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराने में मदद करते हैं. डेयरी व्यवसाय करने के इच्छुक इसके लिए सब्सिडी और लोन लेने के लिए बैंक में संपर्क कर सकते हैं. इसके बाद उन्हें नाबार्ड की तरफ से सब्सिडी वाला लोन मिल जाएगा. नाबार्ड की योजना के अंतर्गत डेयरी फार्मिंग के अलावा पशुपालन, मुर्गी पालन और पशुपालन के लिए लोन मिलता है.
कितनी मिलेगी सब्सिडी
इस योजना के तहत पशुपालन करने वाले व्यक्ति को कुल प्रोजेक्ट की लागत का 33.33 फीसदी अनुदान मिलता है. योजना के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक द्वारा लोन में सब्सिडी दी जाती है. डेयरी उद्यमिता योजना के तहत 10 भैंस से डेयरी की शुरुआत करने पर सात लाख रुपए तक का लोन मिलता है. इसमें जनरल कैटेगरी को 25 प्रतिशत तक का अनुदान मिलता है, जबकि दूसरे वर्ग और महिलाओं को 33.33 फीसदी अनुदान दिया जाता है. इसके साथ ही दूध देने वाली मशीनों/मिल्कोटेस्टर/बल्क मिल्क कूलिंग यूनिट की खरीद के लिए भी इस योजना के तहत 20 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है.
इस योजना के तहत खुद का डेयरी प्लांट शुरू करने पर प्लांट की कुल लागत का कम से कम 10 फीसदी पैसा लाभुक को लगाना पड़ेगा. इसके साथ ही लाभुकों को यह ध्यान रखना होगा कि इस योजना के तहत लोन मिल जाने पर नौ महीने के भीतर फार्म शुरू हो जाना चाहिए तब ही सब्सिडी का लाभ मिल पाएगा. लोन की सब्सिडी उस बैंक में जमा होगी जिससे आपने लोन लिया है. योजना के तहत डेयरी प्लांट शेड, दूध निकालने की मशी, चारा कुट्टी काटने की मशीन, डेयरी के समान और दुधारू गाय की खरीद के लिए दी जाती है.
लोन के लिए शर्तें
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एक व्यक्ति इस योजना के तहत अलग अलग कार्यों के लिए लिए लोन ले सकता पर एक बार में एक ही कार्य के लिए लोन मिलेगा.
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एक परिवार के एक से अधिक सदस्यों को लोन मिल सकता पर उन्हें अलग अलग जगहों पर कार्य करना होगा.
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एक जैसे दो प्रोजेक्ट के बीज कम से कम 500 मीटर की दूरी होनी चाहिए.
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इस तरह लोन के लिए करें आवेदन
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डेयरी खोलने के लिए लोन लेने के लिए सबस पहले आपको अपनी डेयरी को रजिस्टर्ड कराना होगा, इसके बाद बैंक में जाकर आप सब्सिडी फॉर्म भरकर जमा कर सकते हैं. लोन की रकम बड़ी होने पर नाबार्ड में जाकर डेयरी की प्रोजेक्ट रिपोर्ट को जमा करना होगा.
- इस योजना के तहत लोन लेने के लिए आवेदक के पास कुछ जरूरी दस्तावेज होने चाहिए. जिसमें आधार और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज महत्त्वपूर्ण है.
कैसे करें आवेदन?
डेयरी उद्यमिता विकास योजना (DEDS) के लिए आवेदन करने के लिए आपको स्थानीय बैंक या वित्तीय संस्था से संपर्क करना होगा. आवेदन करने से पहले, आपको योजना की योग्यता और आवश्यक दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए. अधिक जानकारी के लिए आप अपने नजदीकी नाबार्ड बैंक की ब्रांच ऑफिस पर संपर्क कर सकते हैं. आप चाहें तो नाबार्ड की वेबसाइट https://nabard.org पर भी योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
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