भारत में लम्बे समय से रासायनिक उर्वरकों के उपयोग के कारण मिट्टी की गुणवत्ता लगातार गिरावट आ रही है और धीरे-धीरे मिट्टी अपना सार खो रही है. इन सब कारणों से किसानों को उनकी जमीन में कम उपज मिल रही है जिसके चलते केंद्र सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने कई योजनाएं लागू की हैं, जिनमें ‘परंपरागत कृषि विकास योजना’ अहम है. इसका उद्देश्य किसानों को रासायनिक मुक्त खेती की ओर ले जाना है.
जैविक खेती से होने वाले लाभ
जैविक खेती दुनिया का भविष्य है. आने वाले समय में सभी देशों को जैविक खेती की ओर मुड़ना पड़ेगा, क्योंकि दुनिया में लगातार इतनी ज्यादा बीमारियां बढ़ती जा रही हैं. जैविक खेती से होने वाले लाभ के बारे में अगर हम बात करें, तो स्वास्थ्य से लेकर आय तक सभी प्रकार के फायदे हैं.
इस योजना का उद्देशय
भारत सरकार की यह योजना 2016 में शुरु की गई थी. इस योजना का उद्देश्य किसानों को अनुदान देना है. इस योजना के तहत किसानों को 50,000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा. जिसमें पहले साल में 31000 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे, ताकि किसान जैविक खाद, जैविक कीटनाशक और अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की व्यवस्था कर सकें और बचे 8800 अगले 2 वर्षों में दिया जाता है, जिसका उपयोग किसान प्रसंस्करण, पैकेजिंग, कटाई सहित विपणन के लिए करते हैं.
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योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्रता
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सबसे पहले आवेदन कर्ता को भारत का निवासी होना जरुरी है.
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आवेदन कर्ता किसान होना आवश्यक है.
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आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.
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आधार कार्ड, मूल निवासी प्रमाण पत्र, आय और आयु का प्रमाण, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट आकार का फोटो होना जरुरी है.
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आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट pgsindia-ncof.gov.in पर जाएं.
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