किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई तरह की योजनाएं चला रही हैं. मौजूदा वक्त में खासकर, किसानों को पारंपरिक फसलों के साथ बागवानी और नकदी फसलों की खेती करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी कड़ी में किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए बिहार सरकार ने बड़ी पहल की है. जल्द ही सरकार राज्य के किसानों को एक ही खेत में मछली पालन, मखाना और पानी फल सिंघाड़ा की खेती करने की ट्रेनिंग देगी. इससे किसान एक साल में तीन तरह की खेती कर अच्छी कमाई कर पाएंगे.
बिहार सरकार कृषि विभाग के मुताबिक, राज्य सरकार ने एक ही खेत में मखाना-मछली-पानी फल सिंघाड़ा को फसल चक्र के रूप में अपनाने के लिए किसानों को प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया है, ताकि किसानों को साल भर जल-जमाव वाले कृषि प्रक्षेप पर माखाना-मछली-पानी फल सिंघाड़ा से साल भर आमदनी मिल सके. अगर किसान इस विधि से खेती करते हैं तो वे पूरे साल एक ही खेत से अधिक कमाई कर सकते हैं.
कृषि विभाग के सचिव ने मखाना अनुसंधान केंद्र स्वर्ण वैदेही, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर द्वारा विकसित सबौर मखाना-1 और मखाना के पारंपरिक बीज से उत्पादन और तालाब में उत्पादित मखाना के लाभ का तुलनात्मक अध्ययन करने का निर्देश भी दिया. मखाना के उन्नत बीज की किस्म उपलब्ध कराने के लिए अनुसंधान केंद्र को गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन और बीज की नई किस्में विकसित करने की जरूरत है.
मखाना अनुसंधान केंद्र में पिछले कई वर्षों से सिंचाई की बेहतर सुविधा नहीं है, जिसको लेकर मखाना केंद्र के प्रभारी ने बताया कि पिछले कई वर्षों से बोरिंग नहीं होने के कारण खेती में समस्या उत्पन्न हो रही है. 20 एकड़ में से मात्र 02-03 एकड़ में ही खेती हो पा रही है. वहीं कृषि विभाग के सचिव द्वारा राज्य सरकार की निधि से बोरिंग उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
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