जब धान की फसल तैयार होने का समय निकट आता है, तब पराली जलाने की समस्या भी खड़ी हो जाती है. अब कुछ ही माह में धान की फसल पूरी तरह तैयार हो जाएगी. ऐसे में पराली निस्तारण के लिए कोशिश शुरू हो गई है.
बता दें कि हरियाणा एक ऐसा राज्य है, जहां पराली जलने (Stubble Burning) की वजह से दिल्ली समेत कई राज्यों में प्रदूषण (Pollution) की काफी समस्या होती है.
इसी क्रम में हरियाणा के कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अहम फैसला लिया है. दरअसल. राज्य सरकार पराली निस्तारण के लिए कृषि यंत्र पर सब्सिडी (Agricultural Machinery Subsidy) प्रदान कर रही है.
कृषि यंत्र खरीदने पर सब्सिडी (Subsidy on purchase of agricultural machinery)
राज्य सरकार की तरफ से व्यक्तिगत श्रेणी के किसानों को फसल निस्तारण कृषि यंत्र खरीदने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इसके अलावा, किसानों की सहकारी समिति, किसान उत्पादक संगठन (FPO), रजिस्टर्ड किसान समिति और पंचायत द्वारा कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने पर 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी.
सब्सिडी के लिए आवेदन करने की तारीख (Date to apply for subsidy)
किसान भाईयों को बता दें कि अगर वह पराली निस्तारण के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र खरीदना चाहते हैं, तो इसके लिए वह 7 सितंबर 2021 तक आवेदन कर सकते हैं.
सब्सिडी के लिए चयन प्रक्रिया (Selection Process for Subsidy)
इस योजना के तहत लाभार्थियों का चयन संबंधित उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति द्वारा किया जाएगा. इसके बाद किसान भाई सूचीबद्ध कृषि यंत्रों को निर्माताओं से खरीद सकते हैं.
टोल फ्री नंबर पर कर सकते हैं फोन (You can call on toll free number)
इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए उप कृषि निदेशक या सहायक कृषि अभियंता के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा टोल फ्री नंबर (1800-180-2117) या फिर विभागीय वेबसाइट (www.agriharyana.gov.in) पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
हरियाणा सरकार द्वारा किसानों से अपील की जा रही है कि वह अपने खेतों में फसल अवशेष न जलाएं. क्योंकि, इससे भूमि की उपजाऊ शक्ति नष्ट होती है.
इतना ही नहीं, हरियाणा सरकार द्वारा पराली (Parali) न जलाने वाले किसानों (Farmers) को 1000 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है. इसके लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल लांच किया गया है. इस पर किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. इसके अलाव किसानों को कई अन्य लाभ भी दिए जा रहे हैं.