Solar Pump Yojana: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि अब राज्य में सोलर पंप लगाने पर किसानों को 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी. पहले यह सब्सिडी 40 प्रतिशत थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया गया है. यह फैसला राज्य में किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उनकी खेती को सशक्त बनाने के उद्देश्य से लिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की मेहनत से राज्य की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 39 प्रतिशत से अधिक है.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब किसानों को उनकी मौजूदा पंप क्षमता से एक स्तर अधिक क्षमता का सोलर पंप दिया जाएगा. यानी जिनके पास 3 एचपी का पंप है, उन्हें 5 एचपी का सोलर पंप मिलेगा और जिनके पास 5 एचपी का पंप है, उन्हें 7.5 एचपी का सोलर पंप मिलेगा.
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की हरसंभव कोशिश
मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने संबोधन में यह भी कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि सूखे खेत में जब पानी पहुंचता है, तो फसल सोने के समान हो जाती है. इसी सोच के साथ राज्य सरकार सुनिश्चित करना चाहती है कि हर खेत तक पानी पहुंचे. इसके लिए सौर ऊर्जा एक महत्वपूर्ण साधन बनकर उभर रहा है, जिससे न केवल किसानों को पानी मिलेगा, बल्कि बिजली की भी बचत होगी.
अस्थायी बिजली कनेक्शन से छुटकारा - सौर ऊर्जा की ओर बढ़ता कदम
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किसानों से अपील की कि वे अस्थायी बिजली कनेक्शन के झंझट से छुटकारा पाने के लिए सोलर पंप का उपयोग करें. उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा अपनाकर किसान न केवल अपनी सिंचाई जरूरतें पूरी कर सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली उत्पन्न कर उसे सरकार को भी बेच सकते हैं. इससे उनकी आमदनी में भी इजाफा होगा. यह एक दीर्घकालिक और स्थायी समाधान है, जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगा.
मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था में खेती की अहम भूमिका
सीएम यादव ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है. किसानों की मेहनत और लगन के कारण ही राज्य की जीडीपी में खेती का हिस्सा 39 प्रतिशत से अधिक हो गया है. मध्यप्रदेश आज देश में अनाज, दालें, तिलहन, फल और सब्जियों के उत्पादन में अग्रणी स्थान पर है. इसके साथ ही संतरा, मसाले, लहसुन, अदरक और धनिया जैसे कृषि उत्पादों के उत्पादन में राज्य पहले स्थान पर है. यह राज्य के किसानों की मेहनत और सरकार की नीतियों का ही परिणाम है.
सिंचाई सुविधाओं के लिए बड़ी परियोजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सिंचाई व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कई बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रही है. इनमें राजस्थान के साथ पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, उत्तर प्रदेश के साथ केन-बेतवा परियोजना और महाराष्ट्र के साथ तापी मेगा रिचार्ज परियोजना शामिल हैं. इन योजनाओं का उद्देश्य प्रदेश में जल आपूर्ति और सिंचाई नेटवर्क को विस्तार देना है, ताकि अधिक से अधिक खेतों तक पानी पहुंचाया जा सके.
32 लाख किसानों को मिलेंगे सब्सिडी पर सोलर पंप
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी बताया कि राज्य में 32 लाख किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप दिए जा रहे हैं. यह पहल किसानों को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगी और उनकी खेती की लागत को भी घटाएगी. इससे किसान अतिरिक्त बिजली उत्पादन कर उसे सरकार को बेच सकेंगे, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी.
सिंचाई क्षेत्र में बड़ा विस्तार - 100 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य
प्रदेश सरकार ने अब तक 52 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के दायरे में ला लिया है और अब 100 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया है. सरकार की योजना है कि हर किसान को पर्याप्त सिंचाई सुविधा मिले, ताकि खेती में निर्भरता केवल मानसून पर न रहे.
भावांतर योजना के तहत पहली बार सोयाबीन को शामिल किया गया
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि सरकार ने पहली बार सोयाबीन को भावांतर योजना के तहत शामिल किया है. इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और किसान के बीच यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि भरोसे का रिश्ता है. उन्होंने कहा, "हमारा इरादा है कि किसान को उसका हक मिले, इससे पहले कि उसका पसीना सूख जाए."