केंद्र सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बेशुमार कोशिश करती है. इस बात में कोई दोमत व दोराय नहीं है कि सरकार की इन कोशिशों का काफी हद तक सकारात्मक नतीजा देखने को मिलता है. खैर, इसे भी सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता है कि अभी इस दिशा में सरकार को और कोशिशें करने की दरकार है, मगर वर्तमान में जिस तरह के कदम उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से किसानों के हित में उठाए गए हैं. वो यकीनन काबिल-ए-तारीफ है.
यहां हम आपको बताते चले कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को अपनी एक योजना के तहत 40 लाख रूपए प्रदान करने जा रही है. सरकार की तरफ से यह रकम उन किसानों को प्रदान की जा रही है, जो बागवानी के क्षेत्र में सक्रिय है या आगे इस क्षेत्र में कुछ खास करने की योजना बना रहे हैं. फिलहाल, नर्सरी लगाने के लिए सरकार की तरफ से यह उक्त रकम किसानों को प्रदान की जा रही है. उधर, यह योजना केंद्र सरकार द्वारा फंडित है. इस योजना में केंद्र सरकार का तरकीबन 60 से 40 फीसद की हिस्सेदारी है और बकाया हिस्सेदारी राज्य सरकार की है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार की यह योजना बागवानी क्षेत्र में सक्रिय किसानों के लिए बेहद हितकारी साबित होगी.
इन जिलों में मिल रहा है फायदा
यहां हम आपको बताते चले कि राज्य सरकार की इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में उपलब्ध है, जिसमें सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, बस्ती, बलिया, कुशीनगर, संत कबीरनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, फर्रुखाबाद, सोनभद्र, भदोही, मिर्जापुर, हाथरस, कानपुर नगर, अयोध्या, झांसी, बरेली, मुरादाबाद, सीतापुर, बांदा, बाराबंकी, बुलंदशहर, मुजफ्फर नगर, महोबा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट एवं ललितपुर जिले शामिल है.
कैसे उठा सकते हैं आप फायदा?
किसान भाइयों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार द्वारा तय किए गए कुछ निर्धारित नियमों का अनुपालन करना होगा. उसके उपरांत ही किसान भाई इस योजना का लाभ उठाने की पात्रता हासिल कर पाएंगे. इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान भाइयों को सर्वप्रथम प्रदेश के कृषि विभाग की वेबसाइट पर सब्सिडी के लिए खुद को पंजीकृत कराना होगा. इसके बाद नर्सरी के लिए खुद का प्रोजेक्ट शुरू करना होगा. प्रोजेक्ट को बैंक में लोन के लिए जमा कराना होगा. आवेदक अगर चाहे तो बैंक से लोग को अप्रूव करवा सकता है.
इसके बाद बैंक बागवानी विभाग से अप्रूवल मिलने के बाद किसान को उपलब्ध कराएगा. इसके बाद किसान भाई नर्सरी तैयार करेंगे. विभाग की ज्वाइंट इंस्पेक्शन कमेटी उसे चेक करेगी. इसके बाद नर्सरी की जियो टेगिंग की जाएगी. अगर सब कुछ विभाग द्वारा निर्धारित किए गए नियमों के अनरूप रहा तो किसान को लोन उपलब्ध करवा दी जाएगी.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की तरफ से किसान भाइयों को आर्थिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनका फायदा उठाकर किसान भाई आर्थिक सुविधा प्राप्त कर सकते हैं, जिमसें ‘पीएम किसान सम्मान निधि योजना’, ‘किसान क्रेडिट कार्ड योजना’, ‘किसान मानधन योजना’ समेत अन्य योजनाएं भी शामिल हैं.
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