अपने पहले ही कार्यकाल में गांवों के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरआत की थी. अब इसी योजना पर काम करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने गांवों को सशक्त करने का फैसला किया है. फिलहाल प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 31 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है. योजना के मुताबिक ग्राम पंचायतों को 20-20 लाख रुपये विकास कार्य के लिए प्रदान किए जाएंगें, जिसकी सहायता से स्वच्छता, पेयजल, शौचालय आदि मुद्दों पर काम किया जाएगा.
सशक्त होंगें गांव
तय योजना के मुताबिक 31 ग्राम पंचायतों में विशेष रूप से पेयजल एवं स्वच्छता प्रबंधन, विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, शौचालय निर्माण, संपर्क संसाधनों की व्यवस्था आदि की जाएगी.
विपक्ष ने उठाएं सवाल
31 ग्राम पंचायतों के चयन के बाद विपक्ष की कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर उठाया है. विपक्ष ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 3 जुलाई 2019 तक के प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक पहले से सांसदों द्वारा गोद लिए गए गांवों के ब्योरे नहीं दिए गए हैं.विपक्ष ने सवाल किया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय बताए कि गांवों को गोद लेने में कितने सांसदों ने रुचि दिखाई है. बाकी जिन गांवों को गोद लिया गया है, उनका विकास कितना हुआ है. कांग्रेस ने कहा कि इस योजना में बहुत ही झोल है और कुछ क्षेत्रों को छोड़कर बाकि हर जगह गांवों की हालत खराब है.
क्या है सांसद आदर्श ग्राम योजना
इस योजना का शुभारंभ भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को जयप्रकाश नारायण के जन्म दिन पर किया था. इस योजना के तहत सभी राजनीतिक दलों के सांसदों को किसी एक गांव को गोद लेना एवं गांवों के निर्माण और विकास हेतु काम करना है.
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