Weed problem in wheat crop: गेहूं की फसल में खरपतवार की समस्या किसानों के लिए बड़ी चुनौती बनी रहती है. खरपतवार न केवल फसल के पोषक तत्वों को हानि पहुंचाते हैं बल्कि उत्पादन में भी गिरावट का कारण बनते हैं. मुख्य रूप से गेहूं की फसल में सतनाशी, कृष्ण नील, वन गेहूं और पार्थेनियम जैसे खरपतवार देखने को मिलते हैं. इन्हें नियंत्रित करने के लिए विभिन्न खरपतवारनाशी दवाओं का सही समय पर प्रयोग करना आवश्यक है. आइए आज के आर्टिकल में हम खरपतवारनाशी और इनके उपयोग के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं...
खरपतवारनाशी और उनके उपयोग
1. सल्फोसल्फ्यूरॉन 75% डब्लूजी
- यह वन गेहूं, जंगली जई और आरी घास जैसे खरपतवार को खत्म करता है.
- 5 ग्राम सल्फोसल्फ्यूरॉन को 6 लीटर पानी और 500 मिलीलीटर सरफेक्टेंट में घोलें.
- इस घोल को 120-200 लीटर पानी में मिलाकर बुआई के 30-35 दिन बाद छिड़काव करें.
- विकल्प: क्लोडिनाफॉप प्रोपरजिल 15% डब्लूपी का 160 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें.
2. मेटसल्फ्यूरॉन मिथाइल 20% डब्लूपी
- यह बथुआ, प्याजी, तीन पत्तियां और कृष्ण नील जैसे चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार को खत्म करता है.
- 8 ग्राम दवा को 6 लीटर पानी और 200 मिलीलीटर सरफेक्टेंट में मिलाकर छिड़काव करें.
- बुआई के 25-35 दिन बाद प्रति एकड़ 120-200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें.
3. सल्फोसल्फ्यूरॉन मिथाइल 75% + मेटसल्फ्यूरॉन मिथाइल 5% डब्लूजी
- यह मिश्रण वन गेहूं और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार के प्रबंधन के लिए उपयोगी है.
- 16 ग्राम दवा को 500 मिलीलीटर सरफेक्टेंट और निर्धारित पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें.
4. 2-4 डी ईथाइल ईस्टर 38% ईसी
- यह चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार को नियंत्रित करता है.
- 5 लीटर दवा को प्रति एकड़ पानी में मिलाकर बुआई के 30-35 दिन बाद छिड़काव करें.
खरपतवारनाशी के उपयोग में सावधानियां
- छिड़काव हमेशा साफ मौसम में करें.
- छिड़काव के लिए कट-नोजल, फ्लड-जेट नोजल या फ्लैट-फैन नोजल का उपयोग करें.
- छिड़काव के दौरान खेत में कोई मानव या पशु गतिविधि न हो.
- तेज हवा में या हवा की विपरीत दिशा में छिड़काव न करें.
- आंख, मुंह, हाथ और नाक की सुरक्षा के लिए फेस मास्क, दस्ताने और बूट का प्रयोग करें.
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