1. Home
  2. खेती-बाड़ी

फल-सब्जी की खेती के लिए इन कृषि यंत्रों का करें इस्तेमाल, कम लागत में होगा ज्यादा मुनाफा

भारत में बदलते दौर के साथ कृषि को ज्यादा तवज्जों दी जाने लगी है, पारंपरिक खेती की जगह अब किसान नई-नई फसलों की खेती कर रहे हैं. सब्जी और फलों की खेती भी ज्यादा की जाने लगी है. इतना ही नहीं खेती को सुगम बनाने के लिए कृषि यंत्रों का ज्यादा इस्तेमाल होने लगा है, ऐसे में आपको सब्जी और फल उगाने से संबंधित यंत्रों की जानकारी दे रहे हैं.

राशि श्रीवास्तव
फल-सब्जी की खेती के लिए कृषि यंत्र
फल-सब्जी की खेती के लिए कृषि यंत्र

देश में 6 हजार सब्‍जी पौध नर्सियां और बड़ी संख्‍या में फल के साथ ही सजावटी फसल नर्सियां हैं. सब्‍जी, फल और सजावटी फसल नर्सियों के लिए मशीनरियां भी विकसित की गई. ये मशीनरियां रूटिंग मीडिया (गोबर की खाद, रेत, मृदा, केंचुआ खाद और कोकोपीट) को छानने के लिए, मीडिया को मिश्रित करने, प्रोट्रे भरने और सभी फसलों के लिए प्रोट्रे में नर्सरी उगाने के साथ ही बीज रोपण करने के लिए उपयोगी हैं. फल और सजावटी फसल नर्सियों के लिए एक बैग फिलर विकसित किया गया. ये किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक हैं. आइये इन मशीनों का उपयोग और लाभ से जुड़ी जानकारी आपको बताते हैं.

1. मोटर युक्‍त सीवर- एक टन प्रति घंटा रेत, मृदा, गोबर की खाद और केंचुआ खाद को छानने के लिए मोटर युक्त सीवर का इस्तेमाल किया जाता है. 

2. मोटर युक्‍त मीडिया मिक्‍सर- एक टन प्रति घंटा रेत, मृदा, गोबर की खाद और केंचुआ खाद को मिलाने के लिए मोटर युक्त मिक्‍स्‍र का इस्तेमाल किया जाता है. 

3. प्रोट्रे के लिए डिबलर कम सीडर- 150 प्रोट्रे प्रति घंटा क्षमता के साथ सब्‍जी नर्सियों के लिए घूमने वाले प्रोट्रे डिबलर और वैक्‍यूम सीडर का उपयोग होता है

4. नर्सरी के लिए बैग फिलर- 200 प्रोट्रे प्रति घंटा की क्षमता के साथ स्‍वचालित प्रोट्रे फिलिंग, डिबलिंग, सीडिंग, वाटरिंग मशीन का इस्तेमाल होता है. `

5 स्वचालित पोट्रे फिलिंग, डिबलिंग, सीडिंग और वाटरिंग मशीन- 1000 बैग प्रति घंटा के साथ फल और सजावटी नर्सियों के लिए थैली भरने वाली मशीन के तौर पर इस्तेमाल की जाती है. 

ये भी पढ़ेंः मंडी में फल, सब्जियों और फसल के दाम एक क्लिक में जानें...

इस सबके अलाव एक अर्का स्वचालित चोभने व बीज बोने का यंत्र भी है जो सब्जियों के पौध तैयार करने के लिए यह यंत्र व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले 98 खाने वाले प्रोट्रे के लिए उपयुक्त होता है. प्रति घंटे में 10 प्रोट्रे में बीज बोने के लिए लगभग 8 मानव श्रम की ज़रूरत होती है, जबकि इस से यंत्र प्रति घण्टे में 150 प्रोट्रे में बीजों की बुवाई की जा सकती है. इससे पौध की उत्पादन-लागत कम होती है, जिससे खेती की उत्पादक-सामग्रियों पर लगने वाली कुल लागत कम होती है. इस यंत्र का निर्माण टमाटर, शिमला मिर्च, बैंगन और मिर्ची के बीजों की बुवाई के लिए किया गया है. यंत्र से बुवाई किए गए ट्रे से 94% तक पौधे लिए जा सकते है और इसका अंकुरण-प्रतिशत हाथ से बुवाई करने के बराबर होता है.

English Summary: Use these agricultural machines for fruit-vegetable farming, there will be more profit in less cost Published on: 24 February 2023, 12:30 PM IST

Like this article?

Hey! I am राशि श्रीवास्तव. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News